UP News: उत्तर प्रदेश के साथ ही पूरे देशभर में आजादी का अमृत महोत्सव बड़ी ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. वहीं भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के कारण उस वक्त लाखों की तादाद में लोगों ने भारत विभाजन की विभीषिका झेली थी. फिलहाल बीते साल उत्तर प्रदेश सरकार ने विभाजन की विभीषिका को याद करते हुए इस त्रासदी के बारे में युवा पीढ़ी को जागरूक करने के लिए 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' का आयोजन किया था. वहीं इस बार भी स्वतंत्रता दिवस से ठीक एक दिन पहले आज के दिन यूपी के 75 जिलों में ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ का आयोजन किया जा रहा है.


उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने विभाजन काल की विभिषिका को याद करते हुए विभाजन के काल की विभिषिका को याद किया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा 'देश के इतिहास में 14 अगस्त की तिथि कभी न भूलने वाली तिथि है. आज ही के दिन मजहबी और नफरती मानसिकता ने भारत का दु:खद विभाजन किया, जिसके दुष्परिणामस्वरूप असंख्य देश वासियों ने यातनाएं झेलीं और अपनी जान गंवाई. 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के अवसर पर बलिदान हुए सभी नागरिकों को विनम्र श्रद्धांजलि!, इस क्रूर-वीभत्स यातना के साक्षी सभी नागरिकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं.'






सभी जिलों में आयोजित होंगे कार्यक्रम


फिलहाल इस साल भी पिछले साल की ही तरह विभाजन के दौरान प्राण गंवाने वाले लोगों को याद करने के लिए आज के दिन पूरे प्रदेश में ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ का आयोजन किया जाएगा. जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में उन विस्थापित परिवारों को आमंत्रित किया जाएगा जिन्हें विभाजन के दौरान अपने घर छोड़ने पड़े थे. इन कार्यक्रमों के दौरान त्रासदी में प्राण गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि भी दी जाएगी.


सामाजिक सद्भाव बढ़ाने पर जोर


बता दें कि आजादी के समय साल 1947 में देश का विभाजन होने पर लाखों लोगों ने अपने प्राण गंवा दिए थे. इस दौरान भारत से कटकर पाकिस्तान एक नया देश बना था. इस बंटवारे ने जहां लोगों को सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक व मानसिक रूप से तोड़ा था. वहीं विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य विभाजन के समय जान गंवाने वालों को याद करते हुए आपस में व्याप्त भेदभाव को खत्म कर सामाजिक सद्भाव व मानव सशक्तिकरण की भावना को बढ़ाना है.


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