बरेली: अंग्रेजों के जमाने के एतिहासिक बरेली कॉलेज में निर्माण और अन्य मदों में हुए गबन के मामले में बरेली क्राइम ब्रांच ने प्रबंध समिति के उपाध्यक्ष काजी अलीउद्दीन को गिरफ्तार कर लिया है. 2018 में गबन के आरोप में दर्ज एफआईआर पर पुलिस ने दो साल की जांच के बाद कार्रवाई की है. वहीं, पुलिस का कहना है कि, अभी इस मामले में बरेली कॉलेज प्रबंध समिति के सचिव, दो पूर्व प्राचार्य सहित अन्य कॉलेज के लोगों पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है.
लंबी जांच के बाद हुई गिरफ्तारी
गौरतलब है कि, बरेली के क्षेत्रीय उच्चशिक्षाधिकारी डॉ. राजेश प्रकाश की शिकायत पर साल 2018 में थाना बारादरी में गबन की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. बरेली डिवीजन के तत्कालीन कमिश्नर रणवीर प्रसाद के निर्देश पर एफआईआर दर्ज हुई थी. एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि, प्रबंध समिति से जुड़े लोगों ने बरेली कॉलेज की बिल्डिंग निर्माण को बगैर टेंडर के कराकर अनियमितता की थी और धन की बंदरबांट की थी. इसके साथ ही सेल्फ फाइनेंस कोर्सेज के डिपार्टमेंट के बिलों में भी गड़बड़ी उजागर हुई थी. इस केस की विवेचना बरेली क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर सुरेन्द्र सिंह कटियार कर रहे थे. लंबी इन्वेस्टीगेशन और सबूत संकलन के बाद आरोप सच पाए गये. इसके बाद क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तारी की कार्रवाई शुरू कर दी.
सचिव और पूर्व प्राचार्य की तलाश
करोड़ों के गबन केस में आरोपी बरेली कॉलेज में प्रबंध समिति के उपाध्यक्ष काजी अलीउद्दीन को गिरफ्तार कर लिया. वहीं, क्राइम ब्रांच को इस मामले में समिति के सचिव और दो पूर्व प्राचार्य की भी तलाश है. हालांकि, हाईप्रोफाइल मामला होने की वजह से अफसर आगे की कार्रवाई से पहले खुलकर मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. हालांकि, अभी तक आरोपों को लेकर बरेली कॉलेज में कोई बोलने को तैयार नहीं है. वहीं, बरेली कॉलेज से जुड़ी प्रबंध समिति के लोग फिलहाल सामने नहीं आ रहे हैं. वहीं, पुलिस भी अपने पत्ते धीरे धीरे खोल रही है. फिलहाल इस गिरफ्तारी के बाद बरेली कालेज में हड़कम्प मचा हुआ है.
ये भी पढ़ें.
Prayagraj: जहरीली शराब पीने से अबतक 14 लोगों की मौत, चौकी इंचार्ज समेत चार पुलिसकर्मी सस्पेंड