Sam First look: 'सर्जिकल स्ट्राइक' के बाद अब 'जंग जीतते' दिखेंगे विक्की कौशल, जानें इस रियल हीरो के बारे में सबकुछ
Sam First look: सर्जिकल स्ट्राइक के बाद एक बार फिर विक्की कौशल आर्मी अफसर का रोल अदा करते दिखेंगे। अब विक्की 1971 की जंग के हीरो फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ के किरदार में दिखेंगे। फिल्म का फर्स्ट लुक आज जारी कर दिया गया है, जिसमें विक्की बिल्कुल सैम जैसे दिख रहे हैं। जानें, इस हीरो के बारे में सबकुछ....
नई दिल्ली, एबीपी गंगा। सैम मानेकशॉ...भारत का वो रियल हीरो जिसने 1971 की जंग में पाकिस्तानी सेना को नाकों चने चबाना दिए थे। वो हीरो जिसने इंदिरा गांधी से कहा था ‘I Am Always Ready Sweety’। भारत के इसी असली हीरो की कहानी अब आपको फिल्मी पर्दे पर नजर आएगी। मानेकशॉ पर बनने वाली बॉयोपिक ‘सैम’ में उनका किरदार 'उरी द सर्जिकल स्ट्राइक' के हीरो मेजर विहान सिंह शेरगिल यानी विक्की कौशल निभाएंगे। आज उनकी Death Anniversary (27 जून) के मौके ‘सैम’ का फर्स्ट लुक जारी किया गया है। जिसमें विक्की कौशल हू-ब-हू मानेकशॉ जैसे लग रहे हैं। आप भी देखिए सैम का ये फर्ट लुक।
इस फोटो में विक्की कौशल की मूंछे और लुक सैम मानेकशॉ से मैच कर रहा है। फिल्म की डायरेक्टर मेघना गुलजार है, जिन्होंने राजी फिल्म को भी डायरेक्ट किया था। मेखना ने सैम का फर्स्ट लुक जारी करते हुए लिखा- 'विक्की कौशल इस एतिहासिक पुरुष का रोल निभा रहे हैं। सैनिकों के सैनिक। सबसे बड़ा जैंटलमैन। फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ की याद में ये मेरे लिए गर्व का विषय है कि मैं भारत के सबसे बड़े वॉर हीरो की कहानी बताने वाली हूं।' बता दें कि भारतीय सेना में फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ को उनकी दिलेरी, बेबाकी, हाजिर जवाबी और मजाकियाअंदाज के लिए जाना जाता है। सैम वही आर्मी अफसर थे, जिनके नेतृत्व भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ 1971 की जंग को जीता था।
कौन हैं सैम मानेकशॉ
- सैम मानेकशॉ का पूरा नाम शाहजी होर्मूसजी फ्रेमजी जमशेदजी मानेकशॉ था।
- उनका जन्म तीन अप्रैल 1914 को अमृतसर के पारसी परिवार में हुआ था
- वे देहरादून के इंडियन मिलिट्री एकेडमी के पहले बैच के लिए चुने गए 40 स्टूडेंट्स में से एक थे।
- उन्होंने दूसरे विश्व युद्द के दौरान बर्मा मोर्चे पर जंग लड़ी थी। इसी जंग के दौरान जापानियों से मुकाबला करते हुए वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें सात गोलियां लगी थी।
- 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई जंग के दौरान वे भारतीय सेना के जनरल थे। वो मानेकशॉ ही थे, जिसके साहस के आगे इस युद्ध में 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था।
उस दौर में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से सब खौफ खाते थे, तब सैम उनके सामने बोलने से पहले बिल्कुल भी नहीं डरते थे। वो इंदिरा गांधी को मैडम नहीं बल्कि प्रधानमंत्री बुलाते थे। वे इंदिरा से इतनी बेबाकी से बात करते थे, कि हर कोई देखकर हैरान रह जाता था। कहते हैं कि 1971 की जंग के लिए जब इंदिरा ने मानेकशॉ से कहा था तो पहले उन्होंने इसका विरोध करते हुए जंग के लिए मना कर दिया था। बाद में उन्होंने जंग के लिए वक्त मांगा और उन्हीं के नेतृत्व ने भारत ने ये जंग न सिर्फ जीती बल्कि 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर भी कर दिया। उस वक्त जब इंदिरा गांधी ने उनसे पूछा कि क्या जंग के लिए सभी तैयारियां पूरी हो चुकी है। तो उन्होंने तपाक से जवाब दिया.... ‘I am always ready Sweety’।
सैम के Death Anniversary पर केंद्रीय मंत्री और सेना के पूर्व जनरल वीके सिंह ने भी उनको याद किया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ' मुझे फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ, जो कि एक प्रेरणादायक लीडर और सबसे बहादुर पुरुषों में से एक के साथ काम करने का मौका मिला। उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए। जय हिन्द।'
I had the absolute privilege of serving under #FieldMarshal #SamManekshaw, an inspirational leader and one of the bravest men that I have known. Remembering him on his death anniversary. Jai hind