बदायूं: उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में रविवार शाम हुई एक ऐसी घटना जिसने महिला सुरक्षा के दावों पर एक बार फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं. परिवार के आरोपों और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने जो मामला दर्ज किया है उसमें गैंगरेप की धारा और हत्या की धारा के तहत कार्रवाई की जा रही है. इस मामले में अब तक दो लोग गिरफ्तार किए गए हैं. वहीं, मुख्य आरोपी जो कि एक मंदिर का बाबा है वह अभी तक फरार है. लेकिन आखिर यह घटना घटी कैसे थी. एबीपी न्यूज़ संवाददाता और कैमरामैन अजय तिवारी पहुंचे उस गांव में और बात की उस पीड़ित परिवार से और मृतक महिला के बेटे से. परिवार और बेटे से बात करने पर जो जानकारी मिली है उसी के आधार पर हम आपको बता रहे हैं कि आखिर उस शाम से लेकर अगले दिन पुलिस के आने और पोस्टमार्टम तक क्या हुआ था.


2005 से आंगनवाड़ी में काम कर रही थी महिला


मृतक महिला के बेटे और दामाद से बातचीत करने पर पता चला कि महिला की उम्र करीब 50 साल थी और वह साल 2005 से आंगनवाड़ी में काम कर रही थी. घर में वही अकेले कमाने वाली भी थीं क्योंकि उनके पति मानसिक तौर पर ठीक नहीं है.


बाबा का फोन आया और मंदिर के लिए निकल गई महिला


यह घटना 3 जनवरी दिन रविवार की है. रविवार शाम करीबन 5 बजे के आसपास मृतक महिला के पास गांव से करीबन 5 से 7 किलोमीटर दूर बने मंदिर के बाबा का फोन आता है. जिसके बाद मृतक महिला अपने बच्चों से यह कहकर जाती है कि इंतजार ना करें क्योंकि उसी मंदिर के पास ही उनका मायका भी है और वह रात में वहीं रुकेगी. इतना कहने के बाद मृतक महिला मंदिर जाने के लिए निकल जाती है.


रात करीब 11:30 बजे तक महिला के घर पर आवाज लगाई जाती है और दरवाजा खटखटाया जाता है. इस दौरान बारिश भी हो रही थी और घर में मृतक महिला के सिर्फ 3 बच्चे मौजूद थे. बच्चों से एक शख्स कहता है कि इनको उठा लो इनको चोट लग गई है. इतना कहने के बाद वह वहां से गाड़ी में बैठ कर चला जाता है. जिस दौरान वह शख्स गाड़ी में बैठता है, गाड़ी में दो और लोग मौजूद होते हैं. पीड़ित महिला के बेटे के मुताबिक गाड़ी में जो 3 लोग थे उसमें से एक जसपाल, एक वेदराम और तीसरा शख्स मंदिर का वह बाबा भी था जो अभी तक फरार है.


खून से लथपथ महिला को घर छोड़ने आये थे युवक


मृतक महिला के बेटे के मुताबिक जिस दौरान वो तीनों लोग उसकी मां को घर के बाहर छोड़ गए थे, उस दौरान उसकी मां पूरी तरह से बेसुध थीं. मृतक महिला के बेटे का तो यह भी दावा है कि उस दौरान उनकी मां की सांसे और दिल की धड़कन भी रुक चुकी थी और उनके कपड़े पूरी तरह से खून से सने हुए थे.


घर में तीनों बच्चे अकेले थे और उनको अपनी मां की हालत देख कर कुछ समझ नहीं आया. ना ही उनके पास कोई फोन था और बाहर बारिश भी काफी तेज हो रही थी. कुछ देर बाद जब कुछ समझ आया तो पास के घर से जाकर एक मोबाइल लिया और अपने जीजा को फोन किया. एक जीजा करीबी गांव में रहते थे तो दूसरे दिल्ली में थे और उसके बाद सुबह तड़के मृतक महिला के दामाद उनके घर पर आए.


सुबह करीब 11 बजे के आसपास परिवार वालों ने इस मामले की जानकारी पुलिस को देने का तय किया. जिसके बाद घर से करीबन 8 से 10 किलोमीटर दूर पुलिस थाने जाने के लिए निकले. मृतक महिला के बेटे और दामाद के अनुसार वहां पहुंचने में करीबन 1 से 1:15 घंटे का वक्त लगा यानी दोपहर करीबन 12 से 12:30 के बीच पुलिस स्टेशन पहुंचे. लेकिन इससे पहले उस बाबा से भी मुलाकात की जिसके कॉल पर मृतक महिला मंदिर गई थीं.


बाबा ने कहा था कि कुएं में गिर गई थी महिला


परिवारवालों के मुताबिक आरोपी बाबा का कहना था कि मृतक महिला कुएं में गिर गई थी जिसकी वजह से उनको चोट लगी. बाबा ने ये भी दावा किया कि वह मृतक महिला को अस्पताल में ले गए लेकिन अस्पताल के डॉक्टर ने यह कहते हुए इलाज़ देने से इंकार कर दिया कि पहले किसी घर वाले से बात करवाइए या बुला कर लाइये है जिसके बाद वह महिला को घर पर छोड़ गए.


नहीं दर्ज की थी रिपोर्ट


परिवारवालों के मुताबिक जब दोपहर करीब 12 से 12.15 के आस पास थाने पहुंचे तो थाने पर सिर्फ दो लोग मौजूद थे जिन्होंने कहा कि अभी मामला दर्ज नहीं हो सकता. क्योंकि पास ही मिट्टी के मलबे में कुछ लोग फंस गए हैं और उनको निकालने के लिए राहत बचाव का काम काज चल रहा है. मामला दर्ज न होता देख पीड़ित परिवार के लोग वापस गांव आ गए. दोपहर करीब 2 से 2:15 बजे के आसपास वापस घर पहुंचे और उसके करीब आधे घंटे बाद 112 नंबर पर कॉल कर पुलिस को जानकारी दी. परिवार के मुताबिक पुलिस को जानकारी देने के करीबन 15 से 20 मिनट के अंदर पुलिस के जवान घर पर पहुंचे और उन्होंने लिखा पढ़ी शुरू कर दी.


पुलिस की लिखा पढ़ी में करीबन डेढ़ से 2 घंटे का वक्त लगा और उसके बाद मृतक महिला के शव को लेकर पुलिस अस्पताल चली गई. जहां पर अगले दिन उनका पोस्टमार्टम हुआ यानी मंगलवार को मृतक महिला का शव परिवार को सौंपा गया और उनका अंतिम संस्कार किया गया.


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