Ayodhya Saints Reaction on IAS officer Viral Video: आईएएस अफसर मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन (Iftekharuddin) का विवादित वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मचा तो यूपी सरकार (UP government) हरकत में आ गई और इसके लिए एक स्पेशल जांच कमेटी गठित कर एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट सौंपने के आदेश दे दिए है. इसी के साथ ये मामला सुर्खियों में आ गया है. अब इसको लेकर अयोध्या (Ayodhya) के संत भड़क उठे हैं और इफ्तिखारुद्दीन पर कड़ी कारवाई करने की मांग कर रहे हैं.


उठ रहे हैं सवाल 
बताया जा रहा है कि वायरल वीडियो उस समय का है जब वरिष्ठ आईएएस अफसर मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन कानपुर मंडल के आयुक्त थे. तब कानपुर के अपने सरकारी आवास में इस्लाम धर्म के फायदे बताए थे. यही वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसके बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या कोई अफसर नौकरी में रहते हुए अपने सरकारी आवास में किसी धर्म मजहब या जाति संबंधित पक्ष या विपक्ष में बात कर सकता है.


अयोध्या के संतों ने जताई नाराजगी 
इसी मामले को लेकर यूपी सरकार ने सीबीसीआईडी के डीजी और एडीजी कानपुर जोन जैसे अफसरों की एक स्पेशल कमेटी बनाकर जांच करने के ना सिर्फ आदेश दिए हैं बल्कि एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए है. हालांकि, जांच जिन बिंदुओं पर हो रही है उसमें वायरल वीडियो कब का है, कहां का है, इसमें छेड़छाड़ समेत तथ्यों पर जांच की जा रही है लेकिन इसको लेकर अयोध्या के संतों ने नाराजगी जाहिर कर दी है. 


विरोध और निंदा करते हैं
हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि जिस प्रकार से एक वीडियो हम लोगों को देखने को मिल रहा है, आईएस अधिकारी कानपुर के हैं और उनके घर पर मुसलमानों की जत्था बैठा है, इस्लाम धर्म के बारे में चर्चा करते हैं, कोई बात नहीं है, इस्लाम धर्म के बारे में चर्चा करें अच्छी बात है. लेकिन, एक वरिष्ठ अधिकारी बता रहे हैं कि किस प्रकार उत्तर प्रदेश का इस्लामी करण करना है. इतने बड़े अधिकारी और आईएएस अधिकारी उनके मन में भाव ये है कि किस प्रकार से इस्लाम को बढ़ाया जाए, इतनी बड़ी पोस्ट पर बैठकर अधिकारी ऐसा करेगा तो कैसे काम चलेगा. दुर्भाग्यपूर्ण है, इसका पुरजोर विरोध करते हैं और निंदा करते हैं. 


सख्त कार्रवाई होनी चाहिए
महंत राजू दास ने कहा कि मैं उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से निवेदन करता हूं कि ऐसे ही तमाम केस हैं, मामले खोलते नहीं हैं. बड़े स्तर पर बैठे हैं दुख इस बात का है ये इस टाइप के अधिकारी हैं. बड़े स्तर पर हैं, उनके बारे में किसी भी प्रकार की कोई जांच नहीं होती. लेकिन, धन्यवाद है मुख्यमंत्री को कि एसआईटी टीम गठित की और वो टीम एक सप्ताह के अंदर इस विषय पर दूध का दूध पानी का पानी करेगी. ये बहुत ही गंभीर विषय है. बहुत तेजी से धर्मांतरण चल रहा है. इस पर सरकार को कठोर कानून के तहत सख्त कार्रवाई ऐसे अधिकारियों पर करना चाहिए. 


ये दंडनीय अपराध है
इसी मामले पर राम जन्मभूमि के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि इस्लाम धर्म के संबंध में प्रचार किया है. कहा गया कि इस्लाम धर्म स्वीकार करने वाले लोगों को लाभ होता है. कोई भी अधिकारी अपने पद पर रहते हुए इस प्रकार का धार्मिक प्रचार नहीं करता है, उन्होंने सरकारी आवास पर इस प्रकार से किया है इसलिए ये दंडनीय अपराध है. जांच होनी चाहिए और जो उचित दंड हो वो दंड देना चाहिए. 



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