कौशांबी, एबीपी गंगा। उत्तर प्रदेश के कौशांबी में कोतवाली में महिला को निर्वस्त्र कर पिटाई करने का मामला सामने आया है. महिला ने जब पिटाई का विरोध किया तो पुलिसकर्मियों ने निजी अंगों में भी चोट पहुंचाई. फिलहाल, इस पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
जानकारी के मुताबिक मंझनपुर कोतवाली के नारा चौकी क्षेत्र में चार दिन पहले बच्चों के विवाद में दो पक्षों में झगड़ा हो गया था. पुलिस पर आरोप है कि वह दो महिलाओं को पकड़कर कोतवाली लाई. इसके बाद एक महिला को कमरे में बंद कर दरोगा और सिपाही ने निर्वस्त्र करके पीटा. महिला ने विरोध किया और शिकायत करने की बात कही तो उसके प्राइवेट पार्ट में भी चोटें पहुंचाई. इसके बाद महिला को 151 में चालान भी कर दिया.
महिलाओं का प्रदर्शन
मामले के सामने आने के बाद पीड़िता ने गांव की दर्जनों महिलाओं के साथ एसपी कार्यालय पहुंच कर प्रदर्शन किया. महिलाओं ने पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. एएसपी समर बहादुर सिंह ने बताया कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो और ऑडियो वायरल हो रहा है. जिसमें एक उप निरीक्षक और एक सिपाही पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं. मामले की जांच की जा रही है. सत्यता के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
ये है मामला
मंझनपुर कोतवाली के नारा चौकी के सईदाबाद गांव में मोनी के बच्चे 29 सितंबर को पड़ोस के मुश्ताक के बच्चों के साथ खेल रहे थे. किसी बात को लेकर उनके बीच विवाद हो गया. मुश्ताक ने नारा चौकी में शिकायत की. शिकायत के बाद नारा चौकी इंचार्ज संजय गुप्ता और कांस्टेबल धर्मेंद्र पीड़िता और उसकी देवरानी आमना को चौकी ले गए.
निर्वस्त्र कर पिटाई
आरोप है कि रात में चौकी प्रभारी संजय गुप्ता और सिपाही धर्मेंद्र कुमार आए. मोनी को एक कमरे में ले गए. इस महिला की शिकायत है कि सिपाही ने दरवाजा बंद किया. इसके बाद दरोगा ने पट्टे से उसे बेरहमी से पीटा. इसके बाद उसे निर्वस्त्र कर दिया गया. महिला का कहना है कि उसने विरोध किया और शिकायत करने की बात कही तो नाराज दरोगा ने उसके प्राइवेट पार्ट में भी चोट पहुंचाई.
महिला ने किया खुलासा
महिला जमानत कराकर घर पहुंची तो परिजनों को जानकारी दी. महिला को चोटें ज्यादा आई थीं. दारोगा और सिपाही की इस हरकत से इलाके के लोगों में गुस्सा है. पीड़िता गांव की दर्जनों महिलाओं के साथ एसपी कार्यालय पहुंची. वहां प्रदर्शन के बाद शिकायती पत्र दिया. मामला सामने आया तो हड़कंप मच गया. पुलिस अफसरों ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी. मीडिया ने जब घटना के बारे में अफसरों से सवाल किया तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से मना कर दिया। हालांकि शरीर पर चोट का वीडियो वायरल हुआ तो आननफानन में अफसरों ने अपना बचाव करते हुए जल्दबाजी में जवाब दिया.
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