लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कानपुर एनकाउंटर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाला कुख्यात विकास दुबे आखिरकार पुलिस के शिकंजे में आ ही गया. हफ्ते भर पहले बिकरु कांड को अंजाम देने के बाद विकास दुबे पुलिस के साथ आंख-मिचौली का खेल खेल रहा था. यूपी पुलिस की कई टीमें उसे दबोचने के लिए खाक छानती रही, लेकिन वो नहीं पकड़ा गया. कानपुर के बाद विकास फरीदाबाद गया और फिर चकमा देकर मध्य प्रदेश के उज्जैन में. गुरुवार सुबह विकास को उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार कर लिया गया. उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह व सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने भी विकास दुबे की गिरफ्तारी की पुष्टि की है.


आइये आपको सिलसिलेवार बताते हैं कि बिकरु कांड मामले में इन सात दिनों में अब तक क्या-क्या हुआ.


2 जुलाई- विकास दुबे को गिरफ्तार करने तीन थानों की पुलिस ने बिकरू गांव में दबिश दी, घात लगाकर बैठी विकास की गैंग ने आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी.


3 जुलाई- पुलिस ने सुबह सात बजे विकास के मामा प्रेमप्रकाश पांडे और सहयोगी अतुल दुबे का एनकाउंटर कर दिया.


4 जुलाई- बिकरु में विकास के घर पर बुलडोजर चलवा दिया गया. साथ ही, उसकी लग्जरी कारों को भी तोड़ दिया गया. पूरी रात सर्च ऑपरेशन चला. रात में आई जी मोहित अग्रवाल ने कहा कि सूचना थी कि विकास ने अपने घरों की दीवारों में चुनवाकर छिपाए हैं हथियार. इसलिए कार्रवाई की जा रही है.


5 जुलाई- पुलिस ने विकास के नौकर और खास सहयोगी दयाशंकर उर्फ कल्लू अग्निहोत्री को घेर लिया. पुलिस की गोली लगने से दयाशंकर जख्मी हो गया. उसने खुलासा किया कि विकास ने पहले से प्लानिंग कर पुलिसकर्मियों पर हमला किया था.


6 जुलाई- पुलिस ने अमर दुबे की मां क्षमा दुबे और दयाशंकर की पत्नी रेखा समेत 3 को गिरफ्तार किया. शूटआउट की घटना के वक्त पुलिस ने बदमाशों से बचने के लिए क्षमा दुबे का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन क्षमा ने मदद करने की बजाय बदमाशों को पुलिस की लोकेशन बता दी. रेखा भी बदमाशों की मदद कर रही थी.


7 जुलाई- इस मामले में विनय तिवारी पर कार्रवाई नहीं करने के आरोप में तत्कालीन डीआईजी अनंत देव का एसटीएफ डीआईजी के पद से तबादला किया गया. चौबेपुर थाने के सभी 68 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया. पुलिस विकास के 15 साथियों का पोस्टर जारी करती है.


8 जुलाई- विकास दुबे पर ढाई लाख से इनाम बढ़ा कर 5 लाख किया गया. एसटीएफ ने विकास के करीबी अमर दुबे को मार गिराया. प्रभात मिश्रा समेत 10 बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया.


9 जुलाई- प्रभात मिश्रा और बऊआ दुबे एनकाउंटर में मारे गए. विकास दुबे को उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया गया गया.


5 लाख का था इनाम
बतादें कि पांच लाख के ईनामी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे साल 2001 में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड का मुख्य आरोपी है. साल 2000 में कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कलेज के सहायक प्रबंधक सिद्घेश्वर पांडेय की हत्या में भी विकास दुबे का नाम आया था. कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र में ही उसी साल में रामबाबू यादव की हत्या के मामले में विकास दुबे पर जेल के भीतर रहकर साजिश रचने का आरोप है. इसके अलावा साल 2004 में केबल व्यवसायी दिनेश दुबे की हत्या के मामले में भी विकास आरोपी है. 2001 में कानपुर देहात के शिवली थाने के अंदर घुस कर इंस्पेक्टर रूम में बैठे तत्कालीन श्रम संविदा बोर्ड के चेयरमैन, राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त भाजपा नेता संतोष शुक्ल को गोलियों से भून दिया था. कोई गवाह न मिलने के कारण केस से बरी हो गया.


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