कानपुर: दुर्दांत गैंगस्टर विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया है. पुलिस विभाग से लेकर नेताओं की चौखट तक तक विकास ने अपने संपर्क का जाल बिछा रखा था. पुलिस विभाग में विकास दुबे ने किस हद तक अपनी पैठ जमा ली थी, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कानपुर शूटआउट के बाद चौबेपुर थाने के 68 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया गया. यहां तक कि अनंत देव सिंह जो कानपुर एसएसपी थे, उनका भी ट्रांसफर किया जा चुका है.


विकास दुबे ने रियल एस्टेट से लेकर सियासत तक में हाथ आजमाए. जिला स्तर का एक चुनाव भी जीता और कई नेताओं के साथ भी नजर आया. अपने क्षेत्र में दबदबा बनाने वाला दुबे उस वक्त सुर्खियों में आया जब उसके खिलाफ कार्रवाई करने गए आठ पुलिसकर्मियों पर गोलियों की बौछार करते हुए उन्हें मौत के घाट उतारने की सनसनीखेज घटना हुई.


अपराध की दुनिया में आगे बढ़ने के साथ विकास दुबे ने अपना एक बड़ा आर्थिक साम्राज्य खड़ा कर लिया. विकास और उसके परिवार के नाम करीब 250 बीघा जमीन है. विकास दुबे ने जमीनों पर धौंस दिखाकर कब्जा किया है. विकास दुबे के रियल एस्टेट से जुड़े बिज़ेनेस थे और गांवों में उनके परिवार के नाम ढेरों संपत्तियां हैं. विकास उद्योगपतियों से प्रोटेक्शन मनी के नाम पर लाखों रुपए की वसूली भी करता था.



पुलिस की जांच में सामने आया है कि अपने विकास ठेकेदारी दिलाकर और सम्पत्तियों को खाली कराने के नाम पर मोटी रकम कमाता था. कई फैक्ट्री मालिकों से विकास के गुर्गे वसूली भी किया करते थे. विकास को महंगी गाड़ियों का भी शौक था. पुलिस विकास और उसके करीबियों के बैंक खातों की भी पड़ताल कर रही है.


कानपूर शूटआउट के कुछ ही घंटों बाद विकास दुबे की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी, जिसमें वह एक कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार के एक मंत्री के साथ दिखाई दे रहा था. कांग्रेस ने दावा किया था कि यह दिखाता है कि उसे राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है. इसके अलावा, एक अन्य तस्वीर में दुबे जिला पंचायत के चुनाव में अपनी पत्नी रिचा दुबे के लिए वोट मांगते हुए दिखाई दे रहा था. रिचा यह चुनाव घिमाऊ से जीती थीं और बिकरू गांव इसी जिला पंचायत के अंतर्गत आता है.



अधिकारियों के मुताबिक, साल 2000 में दुबे ने जेल में रहते हुए खुद भी जिला पंचायत चुनाव में शिवराजपुर सीट से जीत हासिल की थी. उस दौरान वह हत्या के मामले में जेल में बंद था. दुबे की गिरफ्तारी के बाद उसकी मां सरला देवी ने कहा था, 'इस वक्त वह भाजपा में नहीं है, वह सपा में है' इस पर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि दुबे, 'पार्टी का सदस्य नहीं है' और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए और जैसा कि पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मांग की है, उसके कॉल डीटेल्स सार्वजनिक की जानी चाहिए जिससे इस बात का खुलासा हो सके कि उसके संपर्क किसके साथ थे.


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