पिछले शुक्रवार से इस शुक्रवार तक कैसे बदली ‘विकास’ की तक़दीर, कैसे मारा गया?
मोस्ट वांडेट अपराधी विकास दुबे के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद उसके जुर्म के साम्राज्य का अंत हो गया है. विकास दुबे की पुलिस वालों पर हमला और फिर कानपुर में एनकाउंटर में ढेर किये जाने की पूरी कहानी जानिये.
कानपुर. यूपी पुलिस पर अबतक का सबसे जघन्य हमला करने वाला विकास दुबे आखिरकार यूपी एसटीएफ के शुक्रवार सुबह एनकाउंटर में मार गिराया गया. गुरुवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल मंदिर से विकास दुबे गिरफ्तार किया गया था. यूपी एसटीएफ की टीम उसे रिमांड में लेकर कानपुर आ रही थी, इसी दौरान कानपुर पहुंचने से पहले भौंती इलाके में उनका वाहन पलट गया है और उसमे सवार विकास दुबे सहित 4 पुलिस कर्मी घायल हो गये. बताया जा रहा है कि इस दौरान विकास दुबे ने पुलिस की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की, इसी दौरान वो मुठेभेड़ में मार गिराया गया. इस तरह विकास दुबे के पाप की दुनिया का अंत हो गया. दुर्दांत अपराधी विकास दुबे पुलिस को छकाते हुये फरीदाबाद निकल गया था. इसके बाद वहां से विकास मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल के मंदिर पहुंच गया. इस पूरी घटना को सिलसिलेवार तरीके से हम आपको बताते हैं.
कानपुर में 2 जुलाई को विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर हमले से लेकर विकास दुबे की एनकाउंटर की पूरी कहानी
आपको बता दें कि गुरूवार दो जुलाई की रात 12 बजे शिवराजपुर, बिल्हौर, चौबेपुर, शिवली थाने के 35 पुलिसकर्मियों ने चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरु गांव निवासी कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे के घर दबिश देने गई थी. विकास के गांव के ही रहने वाले राहुल तिवारी नाम के युवक ने विकास के खिलाफ धमकी और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था.
यही नहीं विकास दुबे को अपने ऊपर पुलिस कार्रवाई की खबर साढ़े पांच घंटे पहले ही लग जाती है कि 35 पुलिसकर्मी दबिश देने आ रहे हैं. विकास ने अपने साथियों को हथियारों के साथ बुलाया और घर के बाहर जेसीबी खड़ा करवा कर रास्ता बंद कर दिया, ताकि पुलिस वाले भाग न पाए.
पुलिस कार्रवाई से पहले पुलिस विभाग में सक्रिय विकास के भेदियों ने सबस्टेशन फोन कर लाइन टूट जाने की फर्जी सूचना देकर बिकरू गांव की लाइट गुल करा दी.
रात करीब 1.30 पर विकास की घेराबंदी में उसके गर्गों ने करीब सौ राउंड फायरिंग की. जवाबी कार्रवाई भी हुई, लेकिन सीओ समेत 8 पुलिसकर्मियों को घेरकर मौत के घाट उतार विकास भाग निकला.
इसके करीब दो घंटे बाद करीब एक दर्जन थानों की पुलिस और सीओ सर्किल की फोर्स में मौजूद 100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने बिकरू समेत आसपास के पांच गांवों को घेर लिया. पूरी रात सर्च आपरेशन चला।
तीन जुलाई.
सुबह डीजीपी के निर्देश पर एसटीएफ के तेज तर्रार जवानों की मौजूदगी में पुलिस ने घेराबंदी और सख्त की. बिकरू से 10 किलोमीटर दूर हुई मुठभेड़ में विकास दुबे के दो सहयोगी मार गिराए जाते हैं.
एडीजी ला एंड आडर, डीजीपी दोपहर 12 बजे के आसपास बिकरू गांव पहुंचे. साठ से अधिक पुलिस की टीमें, 1500 से अधिक जवान, क्राइम ब्रांच की कई टीमें अपराधियों की तलाश में जुटी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद कानपुर पहुंचे और शहीद के परिजनों को एक एक करोड़ रुपये देने का ऐलान किया. विकास दुबे के लिए मुखबिरी के शक में चौबेपुर थाने के इंस्पेक्टर विनय तिवारी को सस्पेंड कर दिया गया.
चार जुलाई.
पुलिस विकास दुबे के घर पर बुलडोजर चलवा देती है. उसकी लग्जरी कारें तोड़ दी जाती हैं. पूरी रात सर्च आपरेशन चला.
रात में आई जी मोहित अग्रवाल ने कहा कि सूचना थी कि विकास ने अपने घरों की दीवारों में चुनवाकर छिपाए हैं हथियार, इसलिए कार्रवाई की गई.
पांच जुलाई.
विकास के घर में तलाशी में मिले तहखाने में पुलिस की विस्फोटक सामग्री और कई हथियार मिले. विकास का नौकर और शार्प शूटर कल्लू शहर से भागने की फिराक में था तभी कल्याणपुर में मुठभेड़ के बाद धर दबोचा गया.
छह जुलाई
पुलिस ने कल्लू की पत्नी समेत हमले में मदद करने वाले विकास के साढ़ू समेत तीन लोगों को किया गिरफ्तार. उधर, डीजीपी ने आईजी मोहित अग्रवाल की सिफारिश पर विकास की इनामी राशि ढाई लाख कर दी.
सात जुलाई .
-पुलिस ने विकास के 15 साथियों का पोस्टर जारी किया. देर रात पुलिस को हरियाणा के फरीदाबाद के एक होटल में विकास दुबे की लोकेशन मिलती है. पुलिस के पहुंचने से पहले ही विकास वहां से फरार हो गया. वहीं इस बीच मामले में विनय तिवारी पर कार्रवाई नहीं करने के आरोप में तत्कालीन डीआईजी अनंत देव का एसटीएफ डीआईजी के पद से तबादला कर दिया जाता है.
-चौबेपुर थाने के सभी 68 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया.
आठ जुलाई .
सुबह विकास का सबसे करीबी अमर दुबे को पुलिस हमीरपुर के पास मुठभेड़ में मार गिराती है. इसके बाद विकास दुबे का एक और साथी श्यामू बाजपेई को चौबेपुर पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया. श्यामू बाजपेई पर 25 हजार रुपये का इनाम था.
-विकास दुबे पर ढ़ाई लाख से इनाम बढ़ा कर पांच लाख किया जाता है.
नौ जुलाई
-सुबह कानपुर में विकास का साथी प्रभात और इटावा में प्रवीण एनकाउंटर में मारे जाते हैं.
-हरियाणा के फरीदाबाद से फरार हो जाने के बाद मध्य प्रदेश के उज्जैन में विकास दुबे गिरफ्तार कर लिया जाता है.
दस जुलाई
एसटीएफ मध्य प्रदेश के उज्जैन से उसे आज सुबह ही कानपुर लेकर आई थी. कानपुर आते ही पुलिस की गाड़ी रास्ते में पलट गई. इसी दौरान विकास दुबे ने पुलिस के एक जवान से हथियार छीनकर भागने की कोशिश की. विकास दुबे और पुलिस के बीच गोलियां चली. इस दौरान विकास दुबे गंभीर रूप से घायल हो गया. उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.