बस्ती, एबीपी गंगा। जनता को जब ये लगने लगे कि अब उसकी सुनने वाला कोई नहीं है, उस वक्त बड़े फैसले सामने आते हैं। कुछ ऐसा ही वाकया बस्ती जिले के एक गांव में सामने आया। सरकारी रवैये से तंग आकर गांववालों ने खुद ही मिलकर पुल बना डाला। यहां ग्रामीणों ने ठान लिया कि अब खुद के हौसले से दरिया पार करेंगे। सभी लोग एकजुट होकर नदी पर बांस-बल्ली के सहारे पुल बनाना शुरू कर दिया है। इससे कुछ अधिक नहीं तो कम से कम बच्चों की पढ़ाई और बीमार की दवाई कराना तो आसान हो ही जाएगा।


यह मामला है कुआनो नदी के तट पर बसे कुदरहा ब्लॉक के कछुआड़ गांव का। यहां के नागरिक कुआनो की धारा से घिरे रहते हैं। कछुआड़ समेत आसपास के कई गांवों को ब्लाक और जनपद मुख्यालय तक पहुंचने के लिए इस नदी पार करना पड़ता है। इसके लिए नाव ही एक मात्र सहारा है। पुल निर्माण के लिए वर्षों से उठ रही आवाज हर बार दबती ही रही। बरसात के दिनों में नागरिकों की मुसीबत और बढ़ जाती है। बीमार होने पर लोग अस्पताल तक नहीं पहुंच पाते हैं। बच्चों का स्कूल जाना भी कठिन रहता है। यहां नाव से नदी पार करते समय तीन मौतें भी हो चुकी हैं। इस बार भी नागरिकों के पुल निर्माण के आग्रह पर जनप्रतिनिधि जब खरे नहीं उतरे तो खुद ही समस्या के समाधान के लिए लोग आगे आ गये । ग्राम प्रधान की अगुवाई में गांव के नागरिक अपने खर्च से जुगाड़ का पुल बनाना शुरू कर दिए हैं। बांस-बल्ली की जरूरत पड़ी तो चंदा एकत्र कर लिया गया है। ग्राम प्रधान हरिश्चंद्र पाल ने कहा कि आवागमन का कोई और विकल्प नहीं है।


स्थानीय लोगों ने बताया कि पुल निर्माण के लिए उच्चाधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक से गुहार हर वर्ष लगाई जाती है। लेकिन कोई नहीं सुनता। आखिर में आपसी सहयोग से अस्थाई पुल का निर्माण कराया जा रहा है। वहीं डीएम ने इस मामले पर कहा कि अभी उनकी जानकारी में मामला नहीं था मगर आपके द्वारा सूचना मिली है वो इसकी जांच कराएंगे।