बांदा, एबीपी गंगा। बांदा के एक गांव में आवरा पशुओं से परेशान किसानों ने आज सैकड़ों पशुओं को प्राथमिक विद्यालय के अंदर बंद कर दिया और ताला लगाकर स्कूल के बाहर बैठ गए। जब सुबह अध्यापक पढ़ाने के लिए आए तो किसानों ने विद्यालय खोलने से मना कर दिया, जिसके चलते छात्रों को घंटों बाहर बैठना पड़ा । सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद किसानों को समझाकर अन्ना पशुओं को बाहर निकलवाया ।


मामला बबेरू क्षेत्र के ताराय गांव का है, जहां अन्ना (आवारा) जानवरों से परेशान किसानों ने आज सभी अन्ना पशुओं को गांव के प्राथमिक विद्यालय परिसर के अंदर बंद करके गेट में ताला लगा दिया और स्कूल के बाहर बैठ गए। जब विद्यालय पर अध्यापक व बच्चे पहुंचे तब विद्यालय के गेट का ताला किसानों ने उन्हें नहीं खोलने दिया। प्रधानाध्यापक ने खंड शिक्षा अधिकारी को फोन से पूरे मामले की जानकारी दी, जिसके बाद शिक्षा अधिकारियों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस को किसानों को समझाने में घंटों मशक्कत करनी पड़ी तब जाकर किसी तरह किसानों को समझा-बुझाकर ताला खुलवाया और सभी अन्ना पशुओं को विद्यालय के बाहर निकलवाया। उसके बाद सफाई कर्मियों को बुलाकर विद्यालय की सफाई भी करवाई गई, जिसके चलते लगभग 3 घंटे बच्चों को अध्यापकों को विद्यालय के बाहर रहना पड़ा।


आवारा जानवरों से पीड़ित किसानों का कहना है कि वो इन जानवरों से बहुत परेशान हो चुके हैं, सैकड़ों बीघे की फसलों को अन्ना जानवर बर्बाद कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि पशु बाड़ा भी बनाया गया है , लेकिन ग्राम प्रधान व सचिव के सह से रात में अन्ना पशुओं को निकाल दिया जाता है ,जिससे यहां के किसान पूरी तरह से परेशान हैं जिसके चलते आज सभी अन्ना पशुओं को विद्यालय पर बंद कर दिया गया था । किसानों का कहना है कि हम चाहते थे कि कोई सक्षम अधिकारी आए और हमारी बात सुने, लेकिन कोतवाली की पुलिस आई और जबरन हमको हटवा कर सभी जानवरों को विद्यालय से हटवा दिया गया। आज यह जानवर फिर छुट्टा हो जाएंगे फिर हमारी फसलें नष्ट करेंगे।