रायबरेली. रायबरेली में भ्रष्ट लेखपाल के खिलाफ गांववाले मुखर हो गये हैं. लेखपाल तमाम तरह के फर्जीवाड़े कर रहा है. यही नहीं, स्थानीय लोगों के मानें तो कभी बिना बैनामे के फर्जी तरीके से नई खतौनी बना देने के मामले में तो कभी दलित समाज के लोगों के उत्पीड़न के मामले में भ्रष्ट लेखपाल निरंकुश होता जा रहा है. दलित समाज के लोगों ने डीएम को ज्ञापन देकर भ्रष्ट लेखपाल पर सामुदायिक शौचालय बनाने के मामले में पक्षपात करने का आरोप लगाया है. साथ ही उस पर तत्काल कार्रवाई की भी मांग की है. वर्तमान में भ्रष्ट लेखपाल सदर तहसील के बरूवा गांव में तैनात है.
भ्रष्टाचार का बेजोड़ खिलाड़ी है लेखपाल
भ्रष्टाचार के मामले में लेखपाल विनय तिवारी एक बेजोड़ खिलाड़ी है. तहसील सदर में भूलेख कंप्यूटरीकरण योजना के अंतर्गत फीडिंग में उसकी ड्यूटी लगाई गई थी. जिसमें एक ऐसा कारनामा सामने आया जो सबके होश उड़ाने वाला था. गौरा कोठी दक्षिणी जहानाबाद के रहने वाले दिलीप कुमार वर्मा की भूमि धरी जमीन को बिना बैनामा के ही रेखा देवी के नाम फर्जी तरीके से नई खतौनी जारी कर दी. या कह सकते हैं कि बैनामा, अमल बरामद व किसी भी कानूनी कार्यवाही के बगैर फर्जी तरीके से नई खतौनी बनाने का बड़ा खेल विनय तिवारी खेल रहा था. मामला प्रकाश में आने पर रजिस्ट्रार कानूनगो अनिल कुमार मिश्रा ने सदर कोतवाली में तहरीर देकर मुकदमा भी दर्ज करा दिया. जिसके बाद अधिकारियों ने विभागीय कार्रवाई के नाम पर विनय तिवारी को हटा तो दिया लेकिन अभी तक विनय तिवारी पर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई.
भ्रष्ट लेखपाल के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगे
सतांव ब्लॉक के बरुवा ग्राम सभा में विनय तिवारी अभी भी लेखपाली कर रहा है. इसी ग्रामसभा के दलितों ने जिलाधिकारी कार्यालय के सामने भ्रष्ट लेखपाल विनय तिवारी के खिलाफ नारेबाजी की व उस पर पक्षपात करने का आरोप लगाया. जिलाधिकारी कार्यालय के ठीक सामने धरने पर बैठे दलित समाज के लोगों ने भ्रष्ट लेखपाल मुर्दाबाद के जमकर नारे लगाए. इतना ही नहीं दलित समाज के अगुआ राजेश कुरील ने भ्रष्ट लेखपाल पर कार्रवाई की मांग भी की. आरोप लगाते हुए कहा कि शासन की मंशा के अनुसार सामुदायिक शौचालय बनने थे, जो पहले दलित बस्ती में प्रस्तावित था लेकिन लेखपाल की मिलीभगत से उसे वहां से हटाकर मनमाने जगह पर भेज दिया गया और निर्माण कार्य भी शुरू करा दिया गया.
दलित नेता का आरोप
दलित नेता राजेश कुरील ने कहा कि विनय तिवारी पक्षपात कर रहा है और दलितों की बस्ती से सामुदायिक शौचालय को सामान्य बस्ती में कर दिया है. इसकी जांच करा कर इसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. पहले भी इसके खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराया गया है.
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