देहरादून, एबीपी गंगा। टिहरी डैम की झील का जलस्तर बढ़ने के साथ ही टिहरी झील से सटे गांवों में भूस्खलन और भूधसांव बढ़ने से ग्रामीण दहशत में आ गए हैं। मकानों में बढ़ रही दरारें और बल्लियों के सहारे टिके हुए घरों में रह रहे लोग मौत के साये में जीने को मजबूर हैं लेकिन कोई उनकी सुध लेने वाला नहीं है।


टिहरी डैम की झील का जलस्तर 827.70 मीटर पहुंच गया है, जिससे झील से सटे रामगांव, तिवाड़गांव, उप्पू, भटकंडा, सिराई में भूस्खलन और भूधसाव भी बढ़ने लगा है…झील के सबसे नजदीक के तिवाड़ और राम गांव में तो हालात और भी बुरे हो गए है…वर्षों से झील के पानी के उतार चढ़ाव के चलते मकानों की दीवारे फटने लगी है तो छत एक ओर झुक गई है। खेती योग्य भूमि धीरे धीरे झील के पानी में समा रही है। कई लोग अपना घर बार छोड़ चुके हैं तो कई लोगों ने दूसरे के घरों में पनाह ले रखी है। प्रभावित ग्रामीणों का कहना है कि जैसे जैसे जलस्तर और बढ़ेगा उतनी ही उनकी सांसे तेज होने लगेंगी।


प्रभावित ग्रामीण हर वर्ष मकानों की मरम्मत कराते हैं लेकिन फिर वही हाल हो जाता है…कई मकान तो ऐसे हैं जो बल्लियों के सहारे टिके हुए है जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। झील का जलस्तर बढ़ने के साथ ही अब सांप और बिच्छू जैसे जहरीले जानवर भी घरों में घुसने लगे हैं। जिससे कई बार हादसे होते होते बचे हैं लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं है और पुर्नवास विभाग निरीक्षण की बात कह रहा है।