नोएडा: देश मे कोरोना ने कहर बरपा रखा है. रोज हज़ारों लोग महामारी के चलते जान गवां रहे हैं. जब संक्रमण से मरने वालों के अपने भी डर के मारे उनसे दूर हो जाते हैं, ऐसे वक्त में ग्रेटर नोएडा के समाजसेवी विनोद प्रजापति दादरी शमशान घाट में अब तक 130 लोगों को कंधा देकर अंतिम संस्कार करवा के मानवता की मिशाल पेश कर रहे हैं.


130 शवों का कर चुके हैं अंतिम संस्कार


ग्रेटर नोएडा के दादरी स्थित शमशान घाट पर दाह संस्कार के लिए लकड़ियां ढोते विनोद प्रजापति एक समाजसेवी हैं. जो पूरे कोरोना काल में कोरोना से मृत शवों का अंतिम संस्कार नि:शुल्क कर रहे हैं. इस कठिन घड़ी में जब अपने ही संक्रमण से मरे शवों को छोड़कर डर से भाग जाते हैं, ऐसे में विनोद प्रजापति अब तक लगभग 130 शवों का अंतिम संस्कार करवा चुके हैं. 


मानवता की मिसाल


कोरोना काल के दौरान अंतिम संस्कार के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले लोगों के बीच विनोद प्रजापति जैसे समाजसेवी निशुल्क श्रद्धा भाव से शवों का अंतिम संस्कार करके मानवता का मिसाल पेश कर रहे हैं. देश के तमाम हिस्सों से कोरोना के इस महामारी के दौरान लगातार इस तरह की शिकायतें आती रही हैं कि, शवों के अंतिम संस्कार के नाम पर कंधा देने के नाम पर लोगों को एंबुलेंस से श्मशान घाट तक ले जाने के नाम पर लोगों से मजबूरी का फायदा उठा कर लाखों की ठगी की जा रही है, मगर विनोद प्रजापति जैसे समाजसेवी अपनी जान की फिक्र किए बगैर लगातार श्मशान घाट में ऐसे असहाय लोग जिनके अपने ही संक्रमण के बाद शवों को छोड़कर चले जाते हैं, पूरी रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार रहे हैं. 


विनोद प्रजापति ने बताया कि, ग्रेटर नोएडा के श्मशान घाट में अप्रैल से शुरुआती मई तक रोजाना 15 से 20 शव अंतिम संस्कार के लिए आते रहे हैं. अब शवों की संख्या में कमी आयी है. अधिकतर ऐसे शव आते हैं जिन्हें कंधा देने के लिए भी चार लोग अपने मौजूद नहीं होते. हमने ऐसे शवों को कंधा देकर श्मशान घाट में पूरे रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार निशुल्क करवाते हैं, शव दाह के लिए लकड़ी का व्यवस्था निःशुल्क करते हैं.


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