इंजीनियर चाचा-भतीजे का कमाल, देशी तरीके से विदेशी सब्जियां उगाकर कमा रहे हैं लाखों रुपये
मेरठ के विनोद शर्मा और उनके भतीजे सुमित शर्मा साल 2017 तक आईटी सेक्टर में नौकरी किया करते थे. एक दिन दोनों का मन नौकरी से ऊबा तो साथ में कुछ करने का मन बनाया. चाचा विनोद ने माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनी से वीआरएस लिया तो भतीजे सुमित ने इसी कंपनी की जॉब छोड़कर अपने गांव का रुख किया. नौकरी छोड़ दोनों ने विदेशी सब्जियों की खेती करनी शुरू कर दिया.
मेरठ. यूपी के मेरठ जिले में इंजीनियर चाचा-भतीजे की जोड़ी कमाल कर रही है. एमएनसी में लाखों रूपये की नौकरी छोड़कर आए चाचा-भतीजे खेती में अच्छी कमाई कर रहे हैं. चाचा-भतीजे की जोड़ी लोगों के लिए मिसाल बन गई है. इनका कहना है कि जो सुकून खेती में है वो नौकरी में नहीं है. अब दोनों युवाओं को खेती में भविष्य तलाशने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. आईटी सेक्टर में कभी नौकरी करने वाले चाचा-भतीजे का दिमाग किसानी खेती में भी कम्प्यूटर से तेज चलता है.
मेरठ के विनोद शर्मा और उनके भतीजे सुमित शर्मा साल 2017 तक आईटी सेक्टर में नौकरी किया करते थे. एक दिन दोनों का मन नौकरी से ऊबा तो साथ में कुछ करने का मन बनाया. चाचा विनोद ने माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनी से वीआरएस लिया तो भतीजे सुमित ने इसी कंपनी की जॉब छोड़कर अपने गांव का रुख किया. नौकरी छोड़ दोनों ने विदेशी सब्जियों की खेती करनी शुरू कर दिया.
विदेशी सब्जियां उगाते हैं चाचा-भतीजा नौकरी छोड़ने के बाद चाचा-भतीजे ने अपने कम्प्यूटर जैसे तेज दिमाग का इस्तेमाल खेती किसानी में शुरु किया. देखते ही देखते वो खेती में ऐसे रमे कि उन्होंने देशी धरती पर विदेशी सब्ज़ियां उगा डाली. आज की तारीख में चाचा-भतीजे की उगाई हुई देशी-विदेशी सब्ज़ियां दिल्ली के बाजार में हाथों-हाथ बिक जाती हैं. इस खेती से उन्हें इतना मुनाफा हुआ कि वो अब दूसरों को भी रोजगार मुहैया करा रहे हैं.
उनका उगाया हुआ यूरोपियन टमाटर बाजार में बेहद कीमती है. यूरोपियन टमाटर 250 से 300 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. अपनी सब्जियों को दिल्ली के बाजारों में बेचकर आज दोनों मोटा मुनाफा कमा रहे हैं.
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