Kanpur Dehat News: जहां एक ओर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शिक्षा के स्तर को बेहतर करने के लिए प्रयासरत हैं और सभी शिक्षा अधिकारियों को इस बात की हिदायत भी दे चुके हैं कि वे शिक्षा के स्तर को बेहतर करने की दिशा में काम करें लेकिन जनपद कानपुर देहात में बेसिक शिक्षा विभाग पर गंभीर आरोप लग रहे हैं. कानपुर देहात में तैनात एक शिक्षिका का रोते हुए वीडियो वायरल हुआ है.
दरअसल जनपद कानपुर देहात में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर तमाम आरोपों की जांच चल रही है जिसे जिले की मुख्य विकास अधिकारी और जिला अधिकारी स्वयं देख रही हैं जिसके चलते मुख्य विकास अधिकारी के आदेश पर शिक्षक समाधान दिवस में उन तमाम शिक्षकों को बुलाया गया जो अपनी समस्याओं से अभी तक निजात नहीं पाए हैं.
शिक्षक समाधान दिवस के दिन जिलाधिकारी कार्यालय में चल रहे समाधान दिवस के दौरान एक ऐसा वीडियो वायरल हुआ जिसने शिक्षा विभाग की पोल खोल दी.
इस वायरल वीडियो में एक शिक्षिका रो-रो कर अपनी आपबीती अधिकारी को बता रही है और वह कह रही है कि उसको डॉक्टर ने ज्यादा सफर करने के लिए मना किया है लगातार आंखों से निकलते आंसू इस बात की सच्चाई को बयां कर रहे हैं कि यह शिक्षिका अपने ही विभाग की कार्यशैली से दुखी है.
पांच महीने का रोका वेतन
दरअसल शिक्षिका अंजली गौतम कानपुर देहात के रसूलाबाद के प्राथमिक विद्यालय में बतौर प्रधानाध्यापिका के पद पर तैनात हैं. 5 महीने पहले यह शिक्षिका अपनी गंभीर हृदय की बीमारी के चलते एक दिन विद्यालय आने में असमर्थ थी जिसके चलते विभागीय अधिकारियों ने शिक्षिका को अनुपस्थित कर दिया और 1 दिन की अनुपस्थिति के चलते 5 महीने का वेतन रोक लिया गया जो अभी तक विभाग की ओर से जारी नहीं किया गया है.
इसी बाबत यह शिक्षिका अपने हृदय की बीमारी का हवाला देने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचीं और यहां पर रो-रो कर अपनी आपबीती बताई. सैकड़ों शिक्षकों के बीच रोती हुई यह शिक्षिका लगातार यह कह रही है कि उसके दिल में छेद है और वह आर्थिक संकट से गुजर रही है लेकिन बेसिक शिक्षा अधिकारी सुनील दत्त इस बात की जानकारी रखते हुए भी अभी तक पिछले 5 महीनों से उनका वेतन रिलीज नहीं कर रहे हैं.
समाधान दिवस के मौके पर शिक्षकों की शिकायत सुन रहे कोषाधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस तरीके का मामला उनके संज्ञान में आया था. शिक्षिका अंजली गौतम हैं जो पिछले 5 महीनों से अपने वेतन के जारी ना होने के चलते परेशान चल रही हैं. उन्होंने बताया कि वह गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं और जिसके मेडिकल डॉक्यूमेंट उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग में दिखाएं भी थे लेकिन बेसिक शिक्षा अधिकारी सुनील दत्त ने इसमें ज्यादा रुचि ना लेकर उनके वेतन को रोक दिया.
वहीं कोषाधिकारी ने बताया कि इस पूरे मामले में जिला अधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी को अवगत करा दिया गया है और तत्काल प्रभाव से बेसिक शिक्षा अधिकारी को एक लिखित नोटिस जारी किया जा रहा है कि वह इस तरीके से शिक्षकों की समस्याओं का समाधान करें और आगे से ऐसा कोई भी मामला सामने ना आए.
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