यूपी: चाट का ठेला लगाने वाले का बेटा लाया जेईई मेंस में 99.91 प्रतिशत अंक, बताया क्या है अगला लक्ष्य
गोरखपुर के विवेक गुप्ता ने जेईई मेंस में 99.91 अंक हासिल किए हैं. विवेक के पिता गोरखपुर में ही चाट का ठेला लगाते हैं. उनकी सफलता से आज पूरा परिवार खुशी से फूले नहीं समा रहा है.
गोरखपुर. कड़ी मेहनत करने वालों को सफल होने से गरीबी भी रोक नहीं सकती है. ये साबित कर दिखाया है गोरखपुर के विवेक गुप्ता ने. मेधावी छात्र विवेक ने जेईई मेंस में शानदार प्रदर्शन किया है. विवेक के पिता चाट का ठेला लगाते हैं, लेकिन जेईई मेंस में 99.91 अंक लाकर उन्होंने माता-पिता के सपनों में चार चांद लगा दिए हैं. वहीं, बेटे की सफलता से पूरा परिवार बेहद खुश है. तीन भाइयों में सबसे छोटे विवेक बचपन से ही मेधावी हैं. वे अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और परिवार के अलावा गुरुजनों को देते हैं.
मूल रूप से बिहार के रहने वाले विवेक गुप्ता अपरे परिवार के साथ गोरखपुर के बशारतपुर में किराये के मकान में रहते हैं. विवेक के घर में उस वक्त खुशी की लहर दौड़ गई जब उन्हें पता चला कि उनके बेटे ने जेईई मेंस की परीक्षा में 99.91 परसेंटाइल हासिल कर श्रेष्ठ प्रदर्शन किया है.परिवार को दिया सफलता का श्रेय विवेक ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार को दिया है. विवेक कहते हैं कि उनकी इस सफलता में माता-पिता के साथ बड़े भाई का भी बहुत बड़ा योगदान है. साथ ही मेरे गुरुजनों ने भी हर संभव मदद की. विवेक ने बताया कि जब भी उन्हें कोई आवश्यकता रही हर वक्त उनके साथ खड़े रहे. विवेक का कहना है कि परीक्षा में आए इस परिणाम से वे बहुत खुश हैं, लेकिन उनका लक्ष्य आईआईटी में पढ़ाई करने का है. उन्होंने बताया कि वे जेईई एडवांस के लिए भी जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं.
चाट का ठेला लगाते हैं पिता विवेक के पिता विजय गुप्ता बशारतपुर में चाट का ठेला लगाते हैं. इसी ठेले से उनके परिवार का गुजर-बसर होता है. बेटे को इंजीनियर बनाने के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने रास्ते में आई सारी दुश्वारियों का बखूबी सामना किया. किराये के मकान में रहने के बावजूद विजय ने अपने बेटे के लक्ष्य के रास्ते में कोई दिक्कत नहीं आने दी. हालांकि उसके लिए उन्हें कर्ज भी लेना पड़ा, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी.
क्या बोलीं विवेक की मां वहीं, विवेक की मां फूल कुमारी का कहना है कि आज उनके लिए बहुत बड़ी खुशी का दिन है. उनकी पूंजी उनके तीनों बेटे हैं. तीनों बेटे पढ़ाई में अव्वल हैं. वे कहती हैं कि पूरे परिवार ने विवेक के लिए बहुत त्याग किया है. आर्थिक तंगी का असर कभी भी विवेक के पढ़ाई में नहीं आने दिया. इसके लिए उन्होंने भी खूब मेहनत की है. बेटे की सफलता से आज सबका सपना साकार हुआ है.
ये भी पढ़ें: