Joshimath Crisis: बद्रीनाथ यात्रा और भारी बारिश के बीच जोशीमठ पर फिर मंडराया खतरा, खेत में आई 6 फीट गहरी दरार, दहशत में लोग
Joshimath Land Slide: जोशीमठ में एक बार फिर लोगों के बीच खौफ पैदा हो गया है. मानसून सीजन में जोशमठ में एक खेत में 6 फीट की गहरी दरार मिली है, लोगों का कहना है कि उन्हें पहले से ही इसका डर था.
Joshimath Land Subsidence: जोशीमठ में एक बार फिर लोगों में डर और दहशत देखने को मिल रही है. एक तरफ तो चारधाम यात्रा अपने चरम पर चल रही है तो वहीं यहाँ बरसात के सीजन में फिर से दरारों के बढ़ने का सिलसिला शुरू हो गया है. स्थानीय लोगों ने प्रशासन को पहले ही सचेत कर दिया था कि बरसात में जोशीमठ के हाल और अधिक खराब होने वाले हैं मगर प्रशासन ने इसको गंभीरता से नहीं लिया, जिसकी नतीजा है कि जोशीमठ में एक बार फिर से दरारे बढ़ रही हैं और इनका अधिक बढ़ना लगातार जारी है, ये बेहद चिंता का विषय है.
उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में एक बार फिर लोगों के बीच खौफ पैदा हो गया है. जोशीमठ में एक खेत में 6 फीट की गहरी दरार मिली है, जो बारिश की वजह से हुई है. लोगों को डर था कि मानसून में जोशीमठ में परिस्थितियां हाथ से निकल सकती हैं और कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है. मानसून को शुरू हुए भी कुछ ही दिन हुए हैं और जोशीमठ में दरारें और अधिक बढ़ रही हैं. इन दिनों चारधाम यात्रा जारी है. भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम पहुंच रहे हैं. ऐसे में बद्रीनाथ जाने वाले रास्ते में पड़ने वाला मुख्य इलाका जोशीमठ फिर दरारों को लेकर चर्चा में आ गया है.
खेत में आई 6 फीट की दरार
उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में एक चश्मदीद के मुताबिक, उसे अपने एक खेत में 6 फीट की दरार दिखाई दी. भारी बारिश के चलते ऐसा हुआ. जनवरी के महीने में कई घरों में आई खतरनाक दरारों के चलते सैकड़ों परिवारों को निकालना पड़ा था. अब जोशीमठ शहर के सुनील वार्ड के निवासी विनोद सकलानी के खेत में दरार दिखाई दी. उन्होंने कहा, "मुझे अपने घर के पास एक छोटे से खेत में कम से कम 6 फीट की एक दरार मिली है. ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे मानसून की बारिश के कारण हुआ हो."
जनवरी में भी खाली किए गए थे कई घर
जनवरी में एक के बाद एक कई घरों में दरारें आने लगी थीं, जिसके चलते सैंकड़ों परिवारों को सुरक्षित जगह भेजना पड़ा और घर खाली कराने पड़े थे. उसके बाद से ही लगातार स्थानीय लोग प्रशासन को मरम्मत का कार्य करने की अपील कर रहे थे. लोगों का कहना था कि मॉनसून आने से पहले अगर कार्य पूरा हो जाए तो दरारें आने का खतरा कम हो सकता है. मगर प्रशासन ने सुध नहीं ली. इसके बाद अब मॉनसून में दरारों का बढ़ना फिर से शुरू हो गया है जो कि चिंता का विषय है.
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