बलिया: उत्तर प्रदेश के मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल ने मंगलवार को बलिया के जिलाधिकारी को एक पत्र लिखकर कहा कि मस्जिदों में लाउडस्पीकरों की ध्वनि की मात्रा अदालत के आदेशों के अनुसार निर्धारित की जानी चाहिए. मंत्री ने साथ ही यह भी कहा कि इसके चलते उन्हें अपने कर्तव्यों के निर्वहन में कठिनाई हो रही है.


शुक्ला ने अपने पत्र में अपने विधासभा क्षेत्र स्थित काजीपुर मदीना मस्जिद का जिक्र करते हुए कहा, ''नमाज एक दिन में पांच बार होती है. इसके परिणामस्वरूप मुझे योग, ध्यान, पूजा करने और सरकारी कर्तव्यों का निर्वहन करने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है.'' शुक्ला ने कहा कि मस्जिद के आसपास कई स्कूल हैं और इससे उनकी पढ़ाई बाधित होती है.


ध्वनि प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है- मंत्री


मंत्री ने कहा, ''लाउडस्पीकरों के माध्यम से धार्मिक प्रचार किया जाता है. मस्जिदों के निर्माण के लिए दान को लेकर सूचना अत्यधिक तेज आवाज में प्रसारित की जाती है. इसका छात्रों, बुजुर्ग नागरिकों और रोगियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. आम जनता को काफी ध्वनि प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है.''


उन्होंने कहा कि बलिया की मस्जिदों में लाउडस्पीकरों के ध्वनि की मात्रा इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेशों के अनुसार तय की जानी चाहिए, जबकि अनावश्यक लाउडस्पीकर को हटा दिया जाना चाहिए. उत्तर प्रदेश के मंत्री द्वारा लाउडस्पीकर की ध्वनि की मात्रा को लेकर आपत्ति तब जतायी गई है जब कुछ दिन पहले इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति संगीता श्रीवास्तव ने एक शिकायत की थी. कुलपति ने इस संबंध में इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश का हवाला दिया था और जिलाधिकारी से त्वरित कार्रवाई करने का अनुरोध किया था.


ये भी पढ़ें-



कौशांबी: अवैध शराब का जखीरा बरामद, बीजेपी नेता समेत 8 आरोपी गिरफ्तार


यूपी में 21 साल से कम उम्र के लोगों को नहीं मिलेगी शराब, बेचने और स्टॉक रखने की भी लिमिट तय