(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Kanpur: अपनों की बाट जोह रहे अस्थि कलश को ससम्मान अंतिम विदाई देगा ये स्वयंसेवी संगठन
कानपुर में कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर कई लोगों ने अपनी जान गंवाई. वहीं, रिश्तेदारों ने संक्रमण के भय उनसे दूरी बना ली. मौत के बाद उन्हें चार कंधे नहीं नसीब हुये. भैरव घाट श्मशान स्थल पर कई ऐसे अस्थि कलश रखे हैं, जिनको कोई पूछने वाला नहीं. लेकिन अब यहां के एक स्वयं सेवी संगठन ने उनके अंतिम कार्यक्रम को रीति रिवाज से पूरा करने का फैसला लिया है.
कानपुर: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने हजारों जीवन खत्म कर दिये. वहीं, महामारी का खौफ इस कदर था कि, मरीज की मौत के बाद परिजन शव लेने तक नहीं पहुंचे. स्वयंसेवी संस्थाओं ने उनका अंतिम संस्कार किया. कानपुर के अंतिम क्रिया स्थल भैरव घाट पर कई ऐसे अस्थि कलश रखे हुये हैं जिनके परिवार वालों ने उनकी सुध नहीं ली. ऐसे में शहर के वॉलंटियर्स ने इन अवशेषों का पूरे रीति रिवाज से इनकी अंतिम विदाई करने का फैसला किया है.
स्वयंसेवी संगठन ने उठाया बीड़ा
कानपुर के स्वयंसेवी संगठन युग दधिचि देह दान समिति ने ये बीड़ा उठाया है. इसके अध्यक्ष मनोज सेंगर ने बताया कि, सभी के परिजन संक्रमण के भय से इन्हें लेने नहीं आए. उन्होंने कहा कि, सभी अस्थि कलश यहां सुरक्षित रखे गये हैं. हम सभी का अंतिम कर्मकांड पूरे धार्मिक नियमों के तहत करेंगे.
Kanpur: Volunteers of an org collect ashes of COVID victims for final farewell.
— ANI UP (@ANINewsUP) May 25, 2021
Families are often afraid to collect ashes, fearing infection. Ashes were piled-up at Bhairav Ghat cremation ground. We performed their final farewell: Manoj Senger, pres, Yug Dadhichi Deh Dan Samiti pic.twitter.com/J6mm9zFuKe
बेकाबू हो गया था कोरोना
आपको बता दें कि, कोरोना संक्रमण ने कानपुर जिले में जमकर कहर बरपाया था. हालात इस कदर खराब थे कि दो से तीन हजार संक्रमित मरीज रोजाना सामने आ रहे थे. लेकिन लॉकडाउन के बाद से संक्रमण के मामलों में कमी आई है. हालांकि, मौतों का सिलसिला जारी है. आंकड़ों के मुताबिक, दूसरी लहर में अब तक 800 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. लेकिन पहले से हालात सुधरे हैं. एक वक्त था कि, अस्पतालों में मरीजों के लिये बिस्तर तक नहीं मिल रहे थे. इसके अलावा ऑक्सीजन की किल्लत के चलते मरीज दम तोड़ रहे थे.
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