कानपुर: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने हजारों जीवन खत्म कर दिये. वहीं, महामारी का खौफ इस कदर था कि, मरीज की मौत के बाद परिजन शव लेने तक नहीं पहुंचे. स्वयंसेवी संस्थाओं ने उनका अंतिम संस्कार किया. कानपुर के अंतिम क्रिया स्थल भैरव घाट पर कई ऐसे अस्थि कलश रखे हुये हैं जिनके परिवार वालों ने उनकी सुध नहीं ली. ऐसे में शहर के वॉलंटियर्स ने इन अवशेषों का पूरे रीति रिवाज से इनकी अंतिम विदाई करने का फैसला किया है. 


स्वयंसेवी संगठन ने उठाया बीड़ा


कानपुर के स्वयंसेवी संगठन युग दधिचि देह दान समिति ने ये बीड़ा उठाया है. इसके अध्यक्ष मनोज सेंगर ने बताया कि, सभी के परिजन संक्रमण के भय से इन्हें लेने नहीं आए. उन्होंने कहा कि, सभी अस्थि कलश यहां सुरक्षित रखे गये हैं. हम सभी का अंतिम कर्मकांड पूरे धार्मिक नियमों के तहत करेंगे. 






बेकाबू हो गया था कोरोना  


आपको बता दें कि, कोरोना संक्रमण ने कानपुर जिले में जमकर कहर बरपाया था. हालात इस कदर खराब थे कि दो से तीन हजार संक्रमित मरीज रोजाना सामने आ रहे थे. लेकिन लॉकडाउन के बाद से संक्रमण के मामलों में कमी आई है. हालांकि, मौतों का सिलसिला जारी है. आंकड़ों के मुताबिक, दूसरी लहर में अब तक 800 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. लेकिन पहले से हालात सुधरे हैं. एक वक्त था कि, अस्पतालों में मरीजों के लिये बिस्तर तक नहीं मिल रहे थे. इसके अलावा ऑक्सीजन की किल्लत के चलते मरीज दम तोड़ रहे थे. 


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