Waqf Amendment Bill पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने संसद में अपनी बात रखी. इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह से उनकी नोंकझोंक भी हो गई. वक्फ संशोधन बिल पर अखिलेश ने कहा कि ये सोची समझी राजनीति के तहत हो रहा है. अगर जिलाधिकारी को सब ताकत दे देंगे तो आपको पता है कि एक जगह पर जिलाधिकारी ने क्या किया कि उसका असर आने वाली पीढ़ी तक को भुगतना पड़ा. बीजेपी अपनी हताश, निराश और चंद कट्टर समर्थकों के तुष्टिकरण के लिए ये कर रही है. उन्होंने कहा कि गैर मुस्लिम को बोर्ड में शामिल करने का औचित्य नहीं है.
अखिलेश ने लोकसभा अध्यक्ष को कहा कि आपके अधिकारों के लिए हमें लड़ना पड़ेगा. इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने टोका. अखिलेश ने फिर कहा कि बिल का विरोध किया. कहा कि अभी अभी हारे हैं, इसलिए बिल लाया जा रहा है. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि हमेशा इसका ख्याल रखें कि आसन पर कोई टिप्पणी न करें.
संसद में विपक्षी दलों ने वक्फ संशोधन विधेयक को लोकसभा में पेश किए जाने का विरोध करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि यह संविधान और संघवाद पर हमला है तथा अल्पसंख्यकों के खिलाफ है. अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने सदन में ‘वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024’ को पेश करने की अनुमति मांगी जिसके बाद विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगे.
मोहिबुल्लाह नदवी ने कही ये बात
उधर, समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्ला नदवी ने कहा कि मुस्लिमों के साथ यह अन्याय क्यों किया जा रहा है? उन्होंने दावा किया, 'संविधान को रौंदा जा रहा है...यह आप (सरकार) बहुत बड़ी गलती करने जा रहे हैं. इसका खामियाजा हमें सदियों तक भुगतना पड़ेगा.'
सपा सांसद ने कहा, 'अगर यह कानून पारित हुआ तो अल्पसंख्यक खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करेंगे... कहीं ऐसा नहीं हो जनता दोबारा सड़कों पर आ जाए.' तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि यह विधेयक अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है तथा असंवैधानिक है.
उन्होंने कहा कि यह विधेयक धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करने वाला तथा सहकारी संघवाद की भावना के खिलाफ है. द्रमुक सांसद के. कनिमोझी ने कहा, 'यह दुखद दिन है. आज देख रहे हैं कि यह सरकार संविधान के खिलाफ सरेआम कदम उठा रही है. यह विधेयक संविधान, संघवाद, अल्पसंख्यकों और मानवता के खिलाफ है.'