Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन विधेयक 2024 लोकसभा में गुरुवार को पेश हुआ. इस बिल के विरोध में समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने कहा कि मुस्लिमों के साथ अन्याय हो रहा है. सपा सांसद ने कहा कि 10 साल से अल्पसंख्यकों के साथ जो रहा है वो देखकर रूह कांप जाती है.
समाजवादी पार्टी से रामपुर सांसद मोहिबुल्लाह ने कहा कि इससे भेदभाव होगा. कलेक्टर को कई अधिकार दिए जा रहे हैं. मेरे मजहब की चीजें कोई दूसरा कैसे तय करेगा. मजहब में दखलंदाजी है ये. संविधान बचाने के लिए कहीं जनता सड़कों पर न आ जाए.
रामपुर सांसद ने कहा कि कुरान में क्या लिखा है ये आप तय करेंगे या हम तय करेंगे. इससे हम मजहब में दखलंदाजी कर रहे हैं. ऐसे कानून से मुल्क की साख को ठेस पहुंचेगी. सांसद ने कहा कि नए कानून के जरिए सर्वे कमिश्नर के अधिकार जिलाधिकारी को दिए जा रहे हैं, आखिर सर्वे कमिश्नर भी तो भारत सरकार का ही है.
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'खामियाजा भुगतना पड़ेगा..'
सांसद ने कहा कि चारधाम बोर्ड में सिर्फ हिन्दू होगा, पंजाब हरियाणा में गुरुद्वारा प्रबंधन में सिर्फ सिख होगा. इसको माना गया है. यह उनका अधिकार है. लेकिन मुस्लिमों के साथ ये अन्याय क्यों? रामपुर सांसद ने कहा कि हम अपनी इज्जत और अपने संविधान को खुद अपने पैरों तले रौंद रहे हैं.
सांसद ने कहा कि वक्फ मुस्लिमों का मजहबी अमल है. हम ये बहुत बड़ी गलती करने जा रहे हैं, जिसका खामियाजा हमको सदियों तक भुगतते रहेंगे. ये बिल संघीय ढांचे पर प्रहार है. उन्होंने सवाल पूछा कि गैर मुस्लिम वक्फ बोर्ड का सदस्य क्यों बनेगा?
Congress, TMC DMK, JDU, NCP ने Waqf Bill पर क्या कहा?
कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का विरोध करते हुए कहा, 'यह विधेयक संविधान पर एक मौलिक हमला है.इस विधेयक के माध्यम से वे यह प्रावधान कर रहे हैं कि गैर-मुस्लिम भी वक्फ गवर्निंग काउंसिल के सदस्य होंगे. यह धर्म की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है.इसके बाद ईसाइयों, फिर जैनियों का नंबर आएगा.भारत के लोग अब इस तरह की विभाजनकारी राजनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे.' उधर, टीएमसी सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि यह संविधान अनुच्छेद 14 के खिलाफ है.
वहीं डीएमके एमपी कनिमोझी ने कहा कि संविधान सुप्रीम है और इसका संरक्षण होना चाहिए, लेकिन ये सरकार संविधान के खिलाफ जा रही है. यह बिल मानवता के भी खिलाफ है. ये संघीय ढांचे के भी खिलाफ है. ये बिल संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 के खिलाफ है. ये बिल गैर मुस्लिमों को वक्फ बोर्ड में शामिल होने का प्रावधान करती है. अनुच्छेद 30 के भी खिलाफ है. पहले से ही कई पराने मस्जिद खतरे में हैं. ये बिल एक खास धार्मिक समूह को निशाने पर लेता है. ये बिल पूरी तरह से मुस्लिमों के खिलाफ है.
जेडीयू नेता राजीव रंजन ने कहा कि कई सदस्यों की बात सुनने से ऐसा लग रहा है कि जैसे यह संशोधन लाया गया ये मुस्लिम विरोधी है. कौन सा इसका प्रावधान मुस्लिम विरोधी है? आपके मस्जिद को छेड़ने का प्रयास नहीं किया जा रहा है. ये एक संस्था का पारदर्शी बनाने का प्रयास है. वक्फ बोर्ड कैसे बना? किसी कानून से बना है. धर्म के नाम पर कोई बंटवारा नहीं हो रहा है. केसी वेणुगोपाल अल्पसंख्यकों की बात करते हैं, इस देश में हजारों पंजाबी सिखों को किसने मारा था? आपकी पार्टी ने किया था. सड़कों पर ढूंढकर सिखों की हत्या की गई थी और आज अल्पसंख्यकों की दुहाई दे रहे हैं. ये बिल आना चाहिए. पारदर्शिता आनी चाहिए.
एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि ये बिल वापस लेना चाहिए. कम से कम इसे स्टैंडिंग कमेटी को भेजिए. कृपया बिना चर्चा के एजेंडा न चलाएं. ये बिल हमें मीडिया से मिला. ये क्या तरीका है. पहले मीडिया को मिला, फिर हमें मिला. ये लोकतंत्र का मंदिर है. पहले संसद को बताइए मीडिया में लीक करने से पहले. (यहां मीडिया में लीक होने वाली बात पर संसदीय कार्य मंत्री ने टोका, लोकसभा अध्यक्ष ने भी कहा कि सभी सदस्यों को दिया गया है). सुले ने कहा कि सेक्शन 3 सी में कलेक्टर को काफी पावर दिया गया है. आपने सेक्शन 40 को क्यों हटाया. सेक्शन 108 (बी) के तहत कहा गया है कि नियम केंद्र बनाया गया है, राज्यों को तो ये सरकार भूल ही गई है. कोई राज्य की नहीं सुनता है. देखिए बांग्लादेश में क्या हो रहा है. हम इसको लेकर चिंतित हैं. हर देश में अल्पसंख्यकों का ख्याल रखा जाना चाहिए. कृपया इस बिल को वापस लीजिए. सुप्रिया सुले ने इसकी टाइमिंग को लेकर भी सवाल उठाए.
इससे पहले केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया. बिल पेश होते ही सदन में हंगामा शुरू हो गया.