Waqf Bill 2024: वक्फ संशोधन विधायक पर बनेगी संयुक्त संसदीय समिति का ऐलान हो गया है. संसदीय समिति कुल 31 सांसदों की होगी. इसमें से 21 लोकसभा 10 राज्यसभा के होंगे. इस कमेटी में यूपी के 3 सांसदों को जगह मिली है. इसमें सिद्धार्थनगर स्थित डुमरियागंज से भारतीय जनता पार्टी के सांसद जगदंबिका पाल, सहारनपुर से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सांसद इमरान मसूद और रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी को जगह मिली है.
इस समिति को शीतकालीन सत्र के पहले हफ्ते के आखिरी दिन से पहले देनी रिपोर्ट देनी होगी. इससे पहले लोकसभा ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर विचार करने के वास्ते दोनों सदनों की संयुक्त समिति का हिस्सा बनने के लिए निचले सदन के 21 सदस्यों को नामित करने का प्रस्ताव पारित किया.
राज्यसभा से भारतीय जनता पार्टी के सांसद राधा मोहन दास अग्रवाल और बृजलाल को इस कमेटी में जगह मिली है.
क्या होता है JPC का काम?
प्रवर या संयुक्त समिति विधेयक पर दोनों सदनों की तरह ही हर खंड पर विचार करती है. समिति के सदस्य विभिन्न खंडों में संशोधन पेश कर सकते हैं. समिति उन संघों, सार्वजनिक निकायों या उन विशेषज्ञों से भी जानकारी ले सकती है, जो विधेयक में रुचि रखते हैं. विधेयक पर विचार किए जाने के बाद समिति सदन को अपनी रिपोर्ट सौंपती है. जो सदस्य बहुमत की रिपोर्ट से सहमत नहीं हैं, वे इस पर असहमति जता सकते हैं.
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नदवी ने संसद में क्या कहा था?
समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्ला नदवी ने कहा कि मुस्लिमों के साथ यह अन्याय क्यों किया जा रहा है?उन्होंने दावा किया, ‘‘संविधान को रौंदा जा रहा है...यह आप (सरकार) बहुत बड़ी गलती करने जा रहे हैं. इसका खामियाजा हमें सदियों तक भुगतना पड़ेगा.’’सपा सांसद ने कहा, ‘‘अगर यह कानून पारित हुआ तो अल्पसंख्यक खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करेंगे... कहीं ऐसा नहीं हो कि जनता दोबारा सड़कों पर आ जाए.
मसूद ने उठाए थे ये सवाल
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि ‘‘सदन में संविधान की धज्जियां उड़ाने का काम किया जा रहा है.’’ उन्होंने दावा किया कि ‘डीएम राज’ लाकर वक्फ संपत्तियों को तितर-बितर करने की साजिश को बल देने का काम हो रहा है. वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के मिथुन रेड्डी ने इस विधेयक का विरोध किया और कहा कि चिंताओं को दूर किया जाना चाहिए