बाराबंकी. यूपी के बाराबंकी जिले में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह चरमरा गई हैं. जिला मुख्यालय का ट्रामा सेंटर रेफर सेंटर बन चुका है. लखनऊ, फैजाबाद, बाराबंकी, गोंडा, बहराइच राष्ट्रीय राजमार्ग होने के चलते आये दिन यहां भीषण सड़क हादसे होते रहते हैं. ऐसे में यहां की व्यवस्थाएं सिर्फ राम भरोसे हो जाती हैं. आला अधिकारियों के पहुंचने पर ही मेडिकल स्टाफ सक्रिय होता है. आम तौर पर यहां वार्ड बॉय और सीखने के लिए आने वाले ट्रेनी वार्ड बॉय या फिर सफाईकर्मी ही गंभीर मरीजों का इलाज कर देते हैं.


दरअसल, यहां कोई स्पेशलिस्ट डॉक्टर नही हैं. एकमात्र वार्ड बॉय और उनके साथ सीखने वाले वार्ड बॉय हैं जो दुर्घटना में शिकार गंभीर मरीजों की मरहम पट्टी करते हैं. गंभीर हालत में आने वाले मरीज भी यहां राम भरोसे ही हैं. कोरोना का कहर लगातार बढ़ रहा हैं, लेकिन मेडिकल टाफ के साथ-साथ यहां मरीजों के साथ आये उनके तीमारदार भी कोविड प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ा रहे है.


अस्पताल के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ एसके सिंह भी हार मान चुके हैं. वो कहते हैं कि लोग जागरूक नही हैं. बिना मास्क अस्पताल में मरीजों के साथ आये तीमारदार भी पूरी तरह से लापरवाही करते दिख रहे हैं.


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