कानपुर, एबीपी गंगा। शहर भले ही पानी की किल्लत से जूझ रहा हो लेकिन लोगों को शुद्ध पानी पिलाने वाले आरओ प्लांट में रोज लाखों लीटर पानी की बर्बादी हो रही है, जिसे रोकने और दोबारा प्रयोग में लाने के लिए विभाग के पास कोई प्लान नहीं है। दरअसल आरओ प्लांट में पानी साफ होने में 60 प्रतिशत पानी बर्बादी होता है और 40 प्रतिशत ही पानी प्रयोग में लाया जाता है। बर्बाद होने वाला पानी ऐसे ही नालो में जाता है इसके संरक्षण के लिये न ही आरओ प्लांट मालिक और न ही जलकल विभाग के द्वारा किसी तरह की कोई व्यवस्था की गई है। एबीपी गंगा की रिपोर्ट।


देश में पानी की किल्लत है। गर्मी अपने चरम पर है। ऐसे में पानी की किल्लत और बढ़ जाती है। लेकिन वहीं दूसरी ओर इतनी किल्लत के बावजूद भी साफ और शुद्ध पानी पिलाने वाले आरओ प्लांट में रोज लाखों लीटर पानी की बर्बादी हो रही है जिसकी ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है।


आरओ प्लांट में लोगों को साफ पानी तो जरूर मिल रहा है लेकिन दूसरी ओर पानी की बर्बादी भी हो रही है। शहर में जगह जगह आरओ प्लांट बने हैं लेकिन यहां पर बर्बाद हो रहे पानी के संरक्षण का कोई बंदोबस्त नही है। ये पानी नाले नालियों में ऐसे ही बहता है।


जलकल सचिव आर बी राजपूत पानी की हो रही बर्बादी को मान तो रहे हैं लेकिन उनका कहना है उनके पास ऐसा कोई कानून नहीं है जिससे इसे रोका जा सके। हालांकि वो कह रहे हैं कि लोगों को जागरूक होना चाहिए। वेस्ट हो रहे पानी को कई अन्य कार्यों में प्रयोग में लाया जा सकता है और लोगों को इसका प्रयोग करना चाहिए। जैसे घरों में लोग आरओ में बर्बाद हो रहे पानी का प्रयोग घर की साफ सफाई में करते हैं।