Janamshtami 2022: मथुरा (Mathura) में श्रीकृष्ण (Shri Krishna) के बाल रूप ने जन्म ले लिया है. ऐसी मान्यता है कि कृष्ण का जन्म भाद्रपद की अष्टमी तिथि को रात 12 बजे हुआ था और इसलिए हर साल इस समय मंदिरों और विशेषकर मथुरा के मंदिर में कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाता है.
देशभर के मंदिरों में उन्हें माखन और लड्डू का भोग चढ़ाया जाता है. श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के अनुसार यह भगवान कृष्ण की 5248वीं जयंती है. मथुरा के विभिन्न मंदिरों में बुधवार से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है. यशोदा के लाल के दर्शन के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु ब्रजभूमि (BrajBhumi) पहुंचे हैं.
मथुरा के चौराहों को सजाया गया
यहां शुक्रवार सुबह से ही उत्सव मनाया जा रहा है. श्रद्धालुओं ने मंदिरों में शहनाई और ढोल बजाकर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का जश्न मनाया. मथुरा के प्रमुख चौराहों को विशेष रूप से इस अवसर के लिए सजाया गया है जिससे पूरा शहर उत्सव के रंग में रंगा हुआ है. बांके बिहारी मंदिर वृंदावन में शुक्रवार को आधी रात के बाद होने वाले मंगला दर्शन की तैयारियों में पुजारी जुटे हुए थे. मंदिर के पुजारी ज्ञानेंद्र किशोर गोस्वामी ने कहा कि यह मंदिर का सबसे शुभ समारोह है जिसका आयोजन साल में एक बार होता है. पिछले दो-तीन दिनों में कई लाख लोगों ने मथुरा, वृंदावन, गोकुल, नंदगांव और गोवर्धन के मंदिरों के प्रमुख देवताओं की पूजा की, वहीं बड़ी संख्या में लोगों ने शुक्रवार को गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा भी की.
जोन के आधार पर सुरक्षा के किए गए इंतजाम
जन्माष्टमी के मौके पर मथुरा को हाई अलर्ट पर रखा गया है. पूजा-पाठ में किसी तरह व्यवधान न हो इसके लिए श्रीकृष्ण जन्मस्थान के रेड जोन और यलो जोन में बम निरोधक दस्ता और डॉग स्क्वैड ने जांच की और आने-जाने वाले एक-एक व्यक्ति की कड़ी तलाशी ली गई. वहीं, जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने कहा कि मथुरा-वृंदावन में व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. मथुरा एसएसपी अभिषेक यादव ने सुरक्षा में किसी तरह की लापरवाही न करने की बात कही. जन्माष्टमी के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ भी मथुरा और वृंदावन पहुंचे. उन्होंने इस अवसर पर अन्नापूर्णा भवन का तोहफा श्रद्धालुओं को दिया.
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