Akhilesh Yadav In Parliament: 18वीं लोकसभा के पहले दिन संसद में कुछ ऐसा हुआ जिसको वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. बिहार स्थित काराकाट लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद राजा राम सिंह जब शपथ लेकर लौट रहे थे तभी वह सीढ़ियों से लड़खड़ाकर गिर पड़े. इस दौरान समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव उन्हें संभालने के लिए उठे. हालांकि राजा राम सिंह तब तक संभल चुके थे. इस वक्त चेयर पर बीजेपी सांसद राधामोहन सिंह पीठासीन थे.
पहले सत्र की पहली बैठक सोमवार को शुरू हुई जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उनकी मंत्रिपरिषद के सदस्यों के साथ ही अन्य नवनिर्वाचित सदस्यों ने सदन के सदस्य के रूप में शपथ ली. कार्यवाहक अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) भर्तृहरि महताब ने सदन की कार्यवाही शुरू कराई और सदस्यों को शपथ दिलाई.
प्रधानमंत्री मोदी हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव के बाद लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटे हैं. मोदी और उनकी मंत्रिपरिषद ने नौ जून को शपथ ली थी. प्रधानमंत्री मोदी तीसरी बार वाराणसी लोकसभा सीट से निर्वाचित हुए हैं.
विपक्षी सदस्य अपने स्थानों पर संविधान की प्रति लेकर खड़े
कार्यवाही शुरू होते ही सदन के नेता होने के नाते मोदी ने सबसे पहले शपथ ली. इस दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों ने ‘मोदी मोदी’ और ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए. प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण करते समय कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विपक्षी सदस्य अपने स्थानों पर संविधान की प्रति लेकर खड़े थे.
जब गृह मंत्री अमित शाह शपथ लेने आए तब भी विपक्षी सदस्यों ने संविधान की प्रति अपने हाथ में ले रखी थी, हालांकि इस दौरान वे अपने स्थानों पर बैठे हुए थे. सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले महताब ने राष्ट्रपति भवन में सदन के सदस्य और कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में शपथ ली थी. उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ दिलाई.
प्रधानमंत्री मोदी के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ सदस्य राधा मोहन सिंह और फग्गन सिंह कुलस्ते ने सदस्य के रूप में शपथ ली. दोनों सदस्य अगले दो दिन सदन की कार्यवाही के संचालन में कार्यवाहक अध्यक्ष महताब की सहायता करेंगे.
कांग्रेस सदस्य के. सुरेश, द्रमुक के टी आर बालू और तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय को भी सिंह और कुलस्ते के साथ पीठासीन सभापतियों के पैनल में चुना गया है लेकिन उन्होंने शपथ नहीं ली.
कांग्रेस ने प्रोटेम स्पीकर के रूप में महताब के निर्वाचन पर आपत्ति जताई है. विपक्षी दल का कहना है कि इस पद पर निर्वाचन के लिए उसके आठ बार के सदस्य सुरेश की अनदेखी की गई है.
विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) का कहना है कि उसके सदस्य सुरेश, बालू और बंदोपाध्याय विरोध स्वरूप पैनल में शामिल नहीं होंगे.
शपथ ग्रहण के क्रम में कैबिनेट मंत्रियों राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर, एच डी कुमारस्वामी, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, जीतन राम माझी और राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह समेत अन्य ने सदन की सदस्यता ग्रहण की.
कुमारस्वामी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सहयोगी दल जनता दल-सेक्यूलर के सदस्य हैं, वहीं माझी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा तथा ललन सिंह जनता दल (यूनाइटेड) के सदस्य हैं. अन्य कैबिनेट मंत्रियों, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और राज्य मंत्रियों ने भी लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ ली.
सोनोवाल ने असमिया भाषा में शपथ ग्रहण की
नागर विमानन मंत्री तथा तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सदस्य राममोहन नायडू और भाजपा सांसद एवं कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने तेलुगू भाषा में, कुमारस्वामी और प्रह्लाद जोशी ने कन्नड में, जुएल ओरांव और धर्मेंद्र प्रधान ने ओडिया में, सी आर पाटिल ने गुजराती में और सर्वानंद सोनोवाल ने असमिया भाषा में शपथ ग्रहण की.
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही महताब ने कांग्रेस सदस्य राहुल गांधी के वायनाड संसदीय क्षेत्र से इस्तीफे को 18 जून के प्रभाव से स्वीकार किए जाने की जानकारी दी. महाराष्ट्र से लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव एवं राज्य मंत्रियों रक्षा खडसे तथा मुरलीधर मोहोल ने मराठी भाषा में शपथ ली. कर्नाटक से निचले सदन की सदस्य निर्वाचित हुईं शोभा करंदलाजे और वी सोमन्ना ने कन्नड़ में शपथ ग्रहण की.
राज्य मंत्रियों चंद्रशेखर पेम्मासानी, बंडी संजय कुमार और भूपति राजू ने तेलुगू में शपथ ली. शांतनु ठाकुर और सुकांतो मजूमदार ने बांग्ला में तथा सुरेश गोपी ने मलयालम में शपथ ली. गोवा से भाजपा के सदस्य तथा विद्युत राज्य मंत्री श्रीपाद येसो नाइक और मध्य प्रदेश के बैतूल से सदस्य निर्वाचित हुए केंद्रीय आदिवासी कार्य राज्य मंत्री दुर्गादास उइके ने संस्कृत भाषा में शपथ ली.
अन्य सभी मंत्रियों ने हिंदी भाषा में शपथ ली और किसी भी मंत्री ने अंग्रेजी में शपथ ग्रहण नहीं की. मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण करने के बाद विभिन्न राज्यों के नव निर्वाचित लोकसभा सदस्यों ने शपथ ली. सबसे पहले अंडमान निकोबार संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हुए बिष्णु पद राय ने शपथ ग्रहण की.