नई दिल्ली, एबीपी गंगा। देश की पहली कॉरपोरेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस की सेंसर वाली पानी की टोटियों से बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। ये टोटियां इस कदर मुसीबत बन गई हैं कि जैसे ही इनपर छाया पड़ती है, ये ऑन हो जाती हैं और इसमें से अपने आप पानी बहने लगता है। इस वजह से ट्रेन में पानी खत्म हो जाता है और यात्रियों से परेशानी को झेलनी पड़ती है। इस मुसीबत को खत्म करने के लिए आईआरसीटीसी ने अब सेंसर वाली टोटियों को बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
बता दें कि चार अक्टूबर से देश की पहली कॉरपोरेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस का लखनऊ जंक्शन और नई दिल्ली के बीच संचालन शुरू हुआ था। ये ट्रेन लखनऊ से सुबह 6.10 बजे रवाना होती है और दोपहर 12.25 बजे नई दिल्ली पहुंचती है। केवल सवा छह घंटे में लखनऊ से दिल्ली की दूरी यात्री पूरी कर लेते हैं। ऐसे में लखनऊ से दिल्ली सफर करने वाले यात्रियों की ये पसंदीदा ट्रेन बन गई है।
ट्रेन के संचालन को एक महीना पूरा हो चुका है और इस एक महीने में 28 हजार यात्री इसका सफर कर चुके हैं। हालांकि, ट्रेन के अंदर कुछ समस्याएं ऐसी हैं, जिसने यात्रियों को परेशान कर रखा है। इस ट्रेन में सेंसरयुक्त आटोमेटिक डोर, सेंसरयुक्त पानी की टोटियां व डस्टबिन लगे हुए हैं। जिसमें सेंसर वाली टोटियों ने सबसे ज्यादा यात्रियों को परेशान कर रखा है। जैसे ही ट्रेन किसी छाया वाली जगह से गुजरती हैं, वैसे ही सेंसर वाली टोटियों से पानी बहना शुरू हो जाता है। इससे यात्रियों को पानी की किल्लत झेलनी पड़ती है।
इतना ही नहीं, ट्रेन में लगीं एग्जीक्यूटिव की कुर्सियों की भी हालात खराब हो रखी है। यात्रियों का वजन सह नहीं पाने की वजह से ये चरमरा रही हैं। हाल ही में ऐसी 5-6 कुर्सियों को सही कराना पड़ा है। कुर्सियों में लगे हैंडल भी समस्याएं पैदा कर रहे हैं। एक महीने के अंदर इतनी सारी समस्याएं सामने आ जाने की वजह से कई सारे सवाल भी उठते हैं.
तेजस एक्सप्रेस में खामियां अभी यहीं खत्म नहीं हुई हैं। रेल कोच फैक्टरी से निकलने के बाद से ही इसमें कई खामियां उजागर हुई हैं। लखनऊ और गोरखपुर के बीच हुई ट्रेन के ट्रायल के दौरान भी बोगी से आवाज आने से लेकर ऑटोमेटिक डोर व सेंसरयुक्त डस्टबिन में दिक्कतें देखने को मिली थी, जिसे बाद में ठीक कराया गया था। वहीं, ट्रेन के संचालन के बाद फिर से यात्रियों को बोगी से आवाज आने की परेशानी हो रही है, जिसे टेनेंस के बाद सही करवाया गया।
आईआरसीटीसी के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक अश्विनी श्रीवास्तव का इसपर कहना है कि तेजस में सेंसरयुक्त पानी के टैब लगे हैं। ये छाया पड़ते ही ऑन हो जाते थे, जिससे पानी बहना शुरू हो जाता था, इसे ठीक करवाया गया है। अब पानी की बर्बादी रुक गई है। सेंसरयुक्त डस्टबिन व दरवाजे ठीक से काम कर रहे हैं।