प्रयागराज, मोहम्मद मोइन। संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों में आई बाढ़ ने अब तबाही मचानी शुरू कर दी है। कई मोहल्लों व गांवों में बाढ़ का पानी घुसने से वहां के लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई सड़कें और रास्ते भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। दो दिन पहले कई सड़कों पर कार व बाइक तेजी से फर्राटा भरते थे, लेकिन अब वहां नावें चल रही हैं। कई गांवों का संपर्क बाकी जगहों से कट गया है। बिजली व पानी की सप्लाई ठप्प होने के बाद लोग या तो नावों के सहारे बाहर आ रहे हैं या फिर कई फिट जमा पानी में ज़िंदगी को दांव पर लगाकर बाहर निकलते हैं।


सबसे बुरे हालत गंगापार इलाके की फूलपुर तहसील में है। यहां गंगा नदी का पानी अब सड़कों पर बह रहा है। हजारों घरों में पानी घुस गया है। ऊंचे ऊंचे पेड़ बाढ़ के पानी में समा गए हैं। तकरीबन पचास गांवों में जनजीवन बेहाल है। प्रशासन ने नाव चलवाकर लोगों के बाहर निकलने का इंतजाम तो कर दिया है, लेकिन कहीं भी अब तक राहत सामाग्री नहीं बांटी जा सकी है।



प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों ही नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। दोनों नदियां अब कभी भी खतरे के निशान से ऊपर जा सकती हैं। कई जगह मदद के लिए एनडीआरएफ की टीम भी बुलाई गई है। राहत की बात सिर्फ इतनी है कि नदियों में बढ़ोत्तरी की रफ़्तार अब काफी कम हो गई है। संगम जाने वाले सभी रास्ते और घाट भी बाढ़ के पानी में समाए हुए हैं। सरकारी अमले ने दावे तो बड़े बड़े किये हैं, लेकिन ये दावे कागजों पर ज़्यादा और हकीकत में कम नज़र आ रहे हैं। तमाम लोगों को अब रोजमर्रा की ज़रूरतें परेशान करने लगी हैं। बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए तकरीबन सौ चौकियां और दो दर्जन से ज़्यादा बाढ़ राहत केंद्र खोले गए हैं।