Flood in Ballia: खतरे के निशान को पार कर गई गंगा, बलिया में बाढ़ का संकट मंडराया, घरों से पलायन कर रहे हैं ग्रामीण
बलिया में गंगा नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ गया है. वहीं, पानी अब गांवों को अपनी जद में ले रहा है, इसके चलते प्रशासन ने बाढ़ राहत शिविर बना दिये हैं.
Flood in Ballia: यूपी के बलिया में गंगा नदी का पानी खतरे के निशान को पार कर अब गांवों को अपनी जद में लेना शुरू कर दिया है. बैरिया तहसील क्षेत्र नदी किनारे बसे लोग बाढ़ के डर से गांव छोड़ कर पलायन करने पर मजबूर हैं. वहीं, डिग्री कॉलेज में शनिवार सुबह से ही बाढ़ का पानी घुस जाने से वहां की परीक्षाएं रद्द करनी पड़ी हैं. कॉलेज के प्राचार्य की मानें तो सुबह से ही कॉलेज में पानी आ गया था. जो परीक्षाएं हो चुकी हैं, उनका बंडल विश्वविद्यालय भेजा जा रहा है. चार दिन की परीक्षा अभी और बची थी लेकिन अब यहां संभव नही है. इसकी सूचना यूनिवर्सिटी को दे दी गयी है. आगे की परीक्षाएं विश्वविद्यालय कराएगा. वहीं, जिला प्रशासन की मानें तो बाढ़ से निपटने की पूरी व्यवस्था कर ली गयी है. यहां दो बाढ़ राहत शिविर बनाये गए हैं. जहां डॉक्टरों की तैनाती की गई है. एहतियातन एनडीआरएफ की टीम भी बुलाई गई है, ताकि अचानक जरूरत पड़ी तो उसे लगाया जा सके.
डिग्री कॉलेज की परीक्षाएं रद्द
बैरिया तहसील क्षेत्र के अमर नाथ पीजी कॉलेज दुबेछपरा में पानी भर गया है, जहां चंबल और राजस्थान से पानी छोड़ने के कारण गंगा नदी खतरे के निशान को पार कर अब पीएन इंटर कॉलेज और इसी कॉलेज से सटे डिग्री कॉलेज में भी गंगा नदी का पानी शनिवार सुबह ही घुस गया है. डिग्री कॉलेज में परीक्षाएं चल रही थी जिसे रद्द करना पड़ गया है, जिसको लेकर कॉलेज प्रशासन ने विश्वविद्यालय को सूचित कर दिया है.
पलायन करने को मजबूर हुई गांव वाले
अपने जरूरी सामानों को लेकर गांवों से लोग पलायन कर रहे हैं. तहसील क्षेत्र के प्रसाद छपरा और उदई छपरा गांव के हाल चिंताजनक है. दरअसल शनिवार सुबह अचानक गंगा नदी का पानी किनारे बसे गांवों में घुस गया. जिसको लेकर नदी किनारे बसे लोग अचानक आई बाढ़ के डर से अपने जरूरी सामानों को लेकर सुरक्षित जगहों पर जाने को मजबूर है. इनकी मानें तो गांव में चारों तरफ पानी फैल गया है. कोई व्यवस्था नहीं है. अब समान ले जाने के सिवाय कोई विकल्प नहीं है. गांव में चारों तरफ पानी भर गया है.
मवेशियों की चिंता
नदी किनारे बसे लोगों के दिलों में गंगा नदी में अचानक आई बाढ़ को लेकर दहशत इस कदर है कि, लोग बंधे को सुरक्षित स्थान मानकर अपने पशुओं के रहने लिए जगह तलाशने में जुटे हैं. इनकी मानें तो घर में बाढ़ का पानी घुस आएगा तो हम लोग तो किसी तरह रह लेंगे लेकिन हमारे मवेशी कहा रहेंगे ? इस लिए बंधे पर साफ सफाई कर रहे हैं, ताकि जब तक बाढ़ का पानी रहेगा तब तक हमारे मवेशी रह लेंगे.
प्रशासन ने बाढ़ राहत शिविर बनाए
बाढ़ नियंत्रण कक्ष की शाम 4 बजे की रिपोर्ट के मुताबिक, जल स्तर को देखे तो गंगा नदी खतरा बिंदु को पार कर गयी है और लगातर नदी के जल स्तर में वृद्धि हो रही है. जिसे लेकर प्रशासन ने बाढ़ राहत शिविर बना दिया है. वहीं, प्रशासन की तो बाढ़ को देखते हुए सारी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गयी हैं. दया छपरा और पांडेयपुर में दो बाढ़ राहत शिविर लगाए गए हैं. जिसमें डॉक्टर समेत पशुओं के डॉक्टर भी तैनात किए गए हैं. पशुओं के लिए भूसा (चारा ) की भी व्यवस्था की गई है. सूचना मिलते ही दो घंटे के अंदर भूसा मंगा लिया जाएगा. वहीं, एनडीआरएफ की टीम बुलाई गई है, ताकि अचानक कोई जरूरत पड़ जाय तो उसे लगाया जा सके.
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