प्रयागराज, मोहम्मद मोइन। संगम नगरी प्रयागराज में बाढ़ ने इन दिनों जबरदस्त तबाही मचा रखी है। यहां गंगा और यमुना दोनों ही नदियां खतरे के निशान को अब किसी भी वक्त पार कर सकती हैं। बाढ़ की वजह से प्रयागराज में कोहराम मचा हुआ है। शहर के तीन दर्जन से ज्यादा मोहल्लों और साठ से ज्यादा गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। तमाम रास्ते और सड़कें बाढ़ के पानी में डूब गए हैं। हजारों मकान टापू में तब्दील हो गए हैं और उनके चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। इन घरों में रहने वाले लोग कैद होकर रह गए हैं।


राहत और बचाव की कमान अब एनडीआरएफ की टीम को सौंप दी गई है। एनडीआरएफ की टीम लगातार रेस्क्यू कर फंसे हुए लोगों को बाहर निकालकर उन्हें बाढ़ राहत केंद्रों व दूसरे सुरक्षित जगहों पर पहुंचा रही हैं। अब तक चार हजार से ज्यादा लोगों को अलग अलग बाढ़ राहत केंद्रों में शिफ्ट किया गया है। कई गांवों का संपर्क बाकी जगहों से कट गया है। कई जगहों पर पहली मंजिल बाढ़ के पानी में डूब गई है और लोग खुले आसमान के नीचे वक्त काट रहे हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत प्रतियोगी छात्रों और संगम आने वाले श्रद्धालुओं को हो रही है।



प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों ही नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। दोनों नदियां खतरे के निशान के बेहद करीब पहुंच गई हैं और कभी भी उसे पार कर सकती हैं। प्रशासन के इंतजाम अभी भी काफी सुस्त हैं और वह ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहे हैं। प्रयागराज के लोगों को अगले दो तीन दिनों तक बाढ़ से कोई राहत मिलने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि मध्य प्रदेश और उत्तराखंड से काफी पानी छोड़ा गया है। ये पानी भी दो दिनों में यहां पहुंचने की उम्मीद है।