Sai River Overflows in Raebareli: लगातार बरसात के बाद सई नदी (Sai River) अपने पूरे उफान पर है. शहर के बगल से गुजरने वाली सई नदी खतरे के निशान (Danger Level) से महज 90 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. जबकि अपने वार्निंग लेवल से 10 सेंटीमीटर ऊपर है. इससे सटे हुए आसपास के मोहल्ले जलमग्न (Water logging) हो चुके हैं. लोग दहशत में जी रहे हैं कि, ऐसा न हो कि रात में जलस्तर इतना बढ़ जाए कि वे उसी में फंस जाएं. वहीं, केंद्रीय जल शक्ति आयोग के कर्मचारी लगातार नदी के वेग व जल स्तर को मापने में जुटे हुए हैं. 


24 घंटे की बारिश से बढ़ा नदी का जलस्तर


लगातार 24 घंटे की बारिश में सई नदी के जलस्तर को अचानक बढ़ा दिया है. जहां सई नदी में इसके पहले बिल्कुल भी पानी नहीं था, वहीं, 24 घंटे की लगातार बरसात के बाद सई नदी अपने पूरे उफान पर आ चुकी है. सई नदी का वार्निंग लेवल 100.00 मीटर जबकि खतरे का निशान 101.00 मीटर मानक के अनुसार माना जाता है. वर्तमान समय में 100.100 मीटर पर सई नदी का जलस्तर मापा गया है. जो खतरे के निशान से महज 90 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. सई नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है. 2 घंटे में 6 सेंटीमीटर की रफ्तार से जलस्तर बढ़ रहा है जो चिंताजनक है.


दहशत में लोग 


सई नदी के किनारे बसे मोहल्ले जैसे महानंदपुर ,राजघाट सहित अन्य मोहल्लों में रहने वाले लोग लोगों की चिंताएं बढ़ चुकी हैं, क्योंकि जिस स्पीड से जलस्तर बढ़ रहा है, उससे उनके अगल-बगल जल का भराव शुरू हो चुका है. मोहल्ले वालों को इस बात का डर सता रहा है कि, कहीं ऐसा ना हो कि रात में लोग घरों में सो रहे हो और जल का स्तर इतना बढ़ जाए कि पानी उनके घरों में घुस जाए. हालांकि, जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने सरकारी तंत्र को अलर्ट मोड पर लगा रखा है. फिर भी जिस तरह जलस्तर बढ़ रहा है, वह निश्चित तौर पर चिंता का विषय है. केंद्रीय जल आयोग के कर्मचारी ब्रह्मलीन चौहान ने बताया कि, सुबह 8 बजे से 2 घंटे बाद 6 सेंटीमीटर जल स्तर बढ़ चुका है. हम लोग लगातार इसका वेग और स्तर नाप रहे हैं और उसकी रिपोर्ट प्रशासन को दे रहे हैं.



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