प्रयागराज, मोहम्मद मोइन। संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों ही नदियों का जलस्तर एक बार फिर से बढ़ने लगा है. हालांकि दोनों नदियां अभी खतरे के निशान से काफी नीचे हैं, लेकिन बढ़ते जलस्तर ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों ही नदियां आधा सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से बढ़ रही है. बढ़ते जलस्तर की वजह से पक्के घाटों और संगम जाने वाले रास्ते पर पानी भरने लगा है.


संगम के घाटियों ने अपने सामान समेटकर उन्हें अब पीछे करना शुरू कर दिया है. उत्तराखंड और मध्य प्रदेश की बारिश का पानी यहां पहुंचकर लोगों को मुसीबत में डाल सकता है. प्रयागराज में जब गंगा और यमुना दोनों नदियां खतरे के निशान को पार करती हैं तो शहर के तकरीबन एक चौथाई इलाके में बाढ़ का पानी घुसकर आबादी को प्रभावित करने लगता है.


कोरोना की महामारी के चलते बाढ़ से बचाव के मद्देनज़र इस बार सरकारी इंतजाम अभी तक फीके नज़र आ रहे हैं. प्रशासन ने न तो अभी बाढ़ राहत चौकियां बनाई हैं और न ही राहत केंद्रों के बारे में एलान किया है. हालांकि नदियों के तट पर रहने वाले लोगों ने एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. पानी बढ़ने पर सबसे ज़्यादा दिक्कत संगम आने वाले श्रद्धालुओं को होती है. चार दिन पहले प्रयागराज आए सूबे के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने जिले के अफसरों को बाढ़ से निपटने के पुख्ता इंतजाम किये जाने को कहा था.


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