मेरठ: बारिश के चलते नूरनगर अंडरपास का बुरा हाल बना हुआ है. हर बारिश में यहां भीषण जलभराव हो जाता है. अंडरपास में जलभराव से कई इलाके कट जाते हैं. लोग बुग्गी का सहारा लेकर पार करते हैं. आसपास के इलाके में भी होता है भीषण जलजमाव. नूरनगर लिसाड़ीगेट मोहकमपुर के इलाके प्रभावित


नगर निगम से ख़ासे ख़फा हैं मेरठवासी.


यहां जलजमाव में ट्रक तक डूब जाता है. बारिश का मौसम जहां गर्मी से राहत लेकर आता है वही नगर निगम की लापरवाही से ये आफत भी लेकर आता है. मेरठ में तो जलभराव का आलम ये है कि यहां कई मोहल्ले जलभराव की वजह से कट जाते हैं. मेरठ के नूरनगर अंडरपास पर तो इतना पानी जमाव हो जाता है कि यहां कई बार ट्रक तक डूबने की नौबत आ गई.


मेरठ में जब जब बारिश होती है ये अंडरपास ऐसे ही लबालब हो जाता है. इस अंडरपास में इतना जलभराव होता है कि कभी-कभी तो बच्चे डूबते डूबते बचे हैं. बारिश में अगर कोई यहां फंसा तो उसकी जान आफत में पड़ जाती है. जलजमाव की वजह से नूरनगर और आसपास के गांवों के रहने वाले लोग बुग्गी का इस्तेमाल कर सकते हैं. इस बुग्गी के सहारे लोग नूरनगर का ये अंडरपास पार करते हैं.


आम जनता और छात्रा (कुछ लोग तो ऐसे मिले जो मोटरसाइकिल स्कूटी और कार से इस जलभराव के बीच से गुजर रहे थे. एबीपी ने जब उनसे बात की तो उनका दर्द छलक गया. उन्होंने कहा हम लोग हर वर्ष इस बरसात के मौसम में इस जलभराव की समस्या से जूझते रहते हैं. जिसकी शिकायत हमने प्रशासन और नगर निगम से कई बार की लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है.


वहीं कुछ युवतियों ने कहा कि जलभराव की समस्या से वह बेहद परेशान हैं. वह घर से स्कूटी लेकर नहीं निकलती क्योंकि स्कूटी से इस जलभराव में गिरने की संभावना बहुत ज्यादा रहती है. और कई लोग तो गाड़ी लेकर के इस पानी में गिर भी चुके हैं और यही वजह है कि लोग इस जमा हुए पानी में स्कूटी बाइक निकालने से डरते है.


इस अंडरपास में जलनिकासी या रेन हार्वेस्टिंग की व्यवस्था न होने से आए दिन जलभराव हो जाता है. इससे ख़ासतौर से नूरनगर इलाके के लोगों का आना जाना बंद हो जाता है. लोगों का कहना है कि इन रास्तों को अंडरपास में बदलने की वजह से किसानों से लेकर आम जन परेशान है. स्थानीय लोग सांसद से लेकर सभी अधिकारियों के समक्ष गुहार लगा चुके हैं लेकिन इस समस्या का कोई हल नहीं निकल सका है.


उधऱ इसी अंड़रपास के साथ-साथ शहर के इलाके में बारिश के मौसम में जलमग्न हो जाते हैं. चाहे वो लिसाड़ीगेट का इलाका हो. मोहकमपुर का इलाका हो या फिर नालों के किनारे बसें मोह्ल्ले हों. यहां रास्ते तो रास्ते लोगों के घरों में घुटनों-घुटनों पानी भर जाता है. लोगों का कहना है कि नगर निगम वक्त रहते नालों की सफाई नहीं करवाता. इसलिए हर बारिश में उन्हें ये झेलना पड़ता है.कई कई इलाकों में तो बारिश से लोग डरते हैं क्योंकि अगर बारिश होगी तो जलभराव भी होगा. और ये जलभराव उनके घर को तहस नहस कर देता है साथ ही इस जलभराव की वजह से मौसमी बीमारियां भी पांव पसारती हैं.


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