फतेहपुर: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में इन दिनों त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नामांकन चल रहे हैं और प्रत्याशी जनता से विकास कराये जाने का दावा कर वोट मांगने में लगा हुआ है. लेकिन अमौली कस्बे के ग्रामीणों ने जिले के जनप्रतिनिधियों के विकास कार्यों की पोल खोलकर रख दी है. जहां, पिछले 6 महीने से पानी की किल्लत से परेशान ग्रामीण दूर गांव से पानी लाकर प्यास बुझाने में लगे हुए हैं, पीड़ित ग्रामीण जहां सरकार को खाली बाल्टियां दिखाकर पानी की मांग कर रहे हैं. वहीं महिलाएं सर पर पानी की बाल्टी लादकर अपनी प्यास बुझाने में लगे हुए हैं.
70 फीसदी आबादी पानी से वंचित
फतेहपुर के अमौली कस्बे में कई मोहल्लों पर बढ़ती गर्मी के साथ पीने के पानी की किल्लत हर साल की तरह इस वर्ष भी अचानक बढ़ गई है. ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए घंटों जल संकट की समस्या का सामना कर रहे हैं. उन्हें, कई घंटों का समय हैंडपंपों पर बिताना पड़ रहा है. कस्बे की लगभग सत्तर फीसदी गरीब आबादी अभी तक पेयजल की सुविधा से वंचित है. पानी की किल्लत दूर करने के लिए कस्बे के हर मोहल्ले पर जल पहुंचाने के लिए पाइपलाइन वर्षों पहले बिछाई गई थी, लेकिन कस्बे के कई ऐसे मोहल्ले हैं, जहां आज तक पानी की एक बूंद भी नहीं पहुंच पाई है.
लापरवाही कोढ़ पर खाज की स्थिति
नतीजा यह है कि जल विभाग की शिथिल व्यवस्था के कारण अधिकांश घरों में पानी की सप्लाई बंद है, जिससे इस चिलचिलाती गर्मी के मौसम में हजारों लोग पानी के लिए तरस रहे हैं. कई मोहल्लों में स्थिति यह है कि, कहीं पाइप फूटे होने के चलते पानी यूं ही बरबाद हो रहा है, तो कहीं पाइपलाइन की सप्लाई के अभाव में लोगों तक पानी ही नहीं पहुंच पा रहा है. बता दें कि, कस्बे की लगभग सत्तर फीसदी गरीब आबादी अभी तक पेयजल की सुविधा से वंचित है, पानी की किल्लत दूर करने के लिए कस्बे में जो जलापूर्ति केंद्रों का भी निर्माण करवाया जा चुका है, इसके बावजूद भी लोगों के घरों तक अभी पानी नहीं पहुंचा, हालांकि इस मामले में जिले के जिम्मेदार कुछ भी कहने से बच रहे हैं.