बांधों से छोड़ा गया लाखों क्यूसेक पानी, यूपी में उफान पर नदियां, बाढ़ से प्रभावित हुए सैकड़ों गांव
उत्तर प्रदेश में बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने की वजह से नदियां उफान पर हैं. प्रदेश के करीब एक दर्जन जिलों के सैकड़ों गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान कुछ स्थानों पर बारिश होने के साथ पड़ोसी देश नेपाल और अन्य स्थानों पर बांधों से पानी छोड़े जाने की वजह से राज्य में गंगा, घाघरा, राप्ती और शारदा समेत कई नदियां जगह-जगह उफान पर हैं. साथ ही, प्रदेश के करीब एक दर्जन जिलों के सैकड़ों गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.
केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक घाघरा नदी एल्गिन ब्रिज (बाराबंकी), अयोध्या और तुर्तीपार (बलिया) में खतरे के निशान (लाल निशान) से ऊपर बह रही है. अयोध्या और तुर्तीपार में इसका जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक राप्ती नदी का जलस्तर बर्ड घाट (गोरखपुर) में खतरे के निशान को पार कर गया है, जबकि बलरामपुर, बांसी (सिद्धार्थनगर) और रिगोली (गोरखपुर) में इसका जलस्तर खतरे के निशान के नजदीक बना हुआ है.
उधर, बूढ़ी राप्ती भी ककरही (सिद्धार्थनगर) में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है, जबकि रोहिन नदी त्रिमोहानी घाट (महराजगंज) में लाल निशान को पार कर गई है. रिपोर्ट के मुताबिक शारदा नदी पलिया कलां (लखीमपुर खीरी) में खतरे के निशान को पार कर गई है और इसके जलस्तर में वृद्धि हो रही है. वहीं, शारदा नगर में यह लाल निशान के काफी नजदीक पहुंच चुकी है.
गंगा नदी भी कचला ब्रिज (बदायूं) में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और उसका जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जबकि नरोरा में इसका जलस्तर खतरे के निशान के नजदीक पहुंच चुका है. कवानो नदी चंद्रदीप घाट (गोंडा), बस्ती और मुखलिसपुर (संत कबीर नगर) में, जबकि गंडक नदी खड्डा (कुशीनगर) और कौन कुनहरा नदी उस्काबाजार (सिद्धार्थ नगर) में खतरे के निशान के नजदीक बह रही है.
बहराइच से मिली रिपोर्ट के मुताबिक सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता (बाढ़) शोभित कुशवाहा ने बताया कि शारदा, गिरिजापुरी और सरयू बैराजों से नदियों में रविवार को 3.15 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया. इन तीनों स्थानों पर नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है. लेकिन एल्गिन ब्रिज पर घाघरा नदी खतरे के निशान से 108 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. पिछले 24 घंटों में जलस्तर दो सेंटीमीटर बढ़ा है. बैराजों के साथ-साथ 110 किलोमीटर लम्बे तटबंधों की सुरक्षा के लिए 24 घंटे निगरानी की जा रही है.
इसके अलावा प्रदेश के 12 जिलों में बाराबंकी, अयोध्या, कुशीनगर, गोरखपुर, बहराइच, लखीमपुर खीरी, आजमगढ़, गोंडा, संत कबीर नगर, सीतापुर, सिद्धार्थनगर और बलरामपुर में बाढ़ से कुल 300 से ज्यादा गांव प्रभावित हैं. आंचलिक मौसम केन्द्र की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में कुछ स्थानों पर बारिश हुई.
बलरामपुर, सिरौली गौसपुर (बाराबंकी) और पुवायां में 9-9 सेंटीमीटर बारिश हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक इटावा में 6, रामनगर (बाराबंकी) में 5, कुंडा (प्रतापगढ़), तरबगंज (गोण्डा), एल्गिनब्रिज, सुलतानपुर और मुहम्मदी (लखीमपुर खीरी), भिनगा (श्रावस्ती), करहल (मैनपुरी) और नवाबगंज (बरेली) में 4-4 सेंटीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है. अगले 24 घंटों के दौरान राज्य के कुछ स्थानों पर बारिश होने का अनुमान है, जबकि आगामी चार और पांच अगस्त को प्रदेश के कई स्थानों पर बारिश होने की संभावना जताई गई है.
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