सीतापुर: सीतापुर में बैराजों से छोड़े गए पानी से शारदा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. शारदा के जलस्तर बढ़ने से लहरपुर तहसील के बेहटा ब्लॉक क्षेत्र के हरिहरपुर, रमुवापुर, सेतुही, बड़रिया, बरक्षता, रोहिया, रजनापुर, सोनसरी, रामपुरवा, लोधौनी, खनियापुर, कुसेपा, जनकपुर, आदि गांवों में पानी भर गया है. साथ ही राजनापुर की सड़क पर बाढ़ का पानी चल रहा है, जिससे ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, बेहटा ब्लॉक के कोल्हूपुरवा में पानी बढ़ने से बना बंधा फट जाने से काफी तेजी से पानी गांवों में भरने लगा है. जिससे कि, आसपास के गांव देवपालपुर, बसंतापुर, मोगलापुर, बम्हैला, मानपुर, कोल्हूपुरवा, दुबई, औरंगाबाद, बिसवाँ खुर्द, चन्दीभानपुर आदि गांव प्रभावित होंगे.


समय से पूरा नहीं हो पाया बाढ़ कटान रोकने का काम


कोल्हूपुरवा में बाढ़ और कटान रोकने के लिए 2 करोड़ 35 लाख की परियोजना स्वीकृत हुई थी और बीते थोड़े दिन पहले जलशक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह भी इसी परियोजनाओं का निरिक्षण करने आये थे और 15 जून तक इन सभी परियोजनाओं का काम पूरा करने का भी निर्देश दिया था लेकिन अफसोस की अभी तक काम पूरा ही नहीं हुआ.
 


तेजी से हो रहा है कटान


वहीं, बिसवां तहसील के रेउसा ब्लॉक में बाढ़ के पानी के तेज बहाव से तीन गावों में कटान में तेजी आयी है. फौजदारपुरवा में बीते 24 घण्टे में तेजी से घरों का कटान हुआ है, जिसमें अशर्फी, लल्लन, राम चन्दर, लक्ष्मी, प्रदीप कुमार, देशराज, दीपू मथुरा, संतराम, पुत्ती लाल, बालकराम, हरिहर व मनोज के घर नदी में समाहित हुये हैं. कटान प्रभावित गांव परमेश्वरपुरवा में भाई लाल, मौजी लाल व कैलाश के घर कटान की सीमा में हैं. चौकी पुरवा गांव में नदी घरों के करीब पहुंच रही है. नदी के कटान से गांव वाले अपने आशियानों को खुद ही तोड़ रहे हैं. करोड़ों की लागत से बनने वाली परियोजनाएं इस नदी कटान में बही जा रही हैं. गांव वाले हर साल बाढ़ झेलते हैं और सरकारे हर बार बाढ़ आने से कुछ ही महीनों पहले परियोजनाओं को शुरू करती हैं और वह परियोजनाएं जिस कटान को रोकने के लिए होती हैं वहीं, योजनाए इस कटान में बह जाती हैं.


ग्रामीण विनीत कुमार बताते हैं कि, गांव में कटान रोकने के लिए परियोजनाओं का काम कराया गया था. उनका आरोप है कि, कई बार उच्चाधिकारियों को बांध बनाने के लिए बताया गया था लेकिन नहीं बनवाया गया जिससे आज कोल्हूपुरवा का बांध फट जाने से गांव में पानी भर आया है. पानी तेजी से बढ़ रहा है यदि ऐसे ही पानी बढ़ता रहा तो कई अन्य गांव भी पानी की चपेट में आ जायेंगे.


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