वाराणसी, नीतीश पांडे। महादेव की नगरी में मोक्षदायिनी का उफान जारी है। पांच सेंटीमीटर बढ़े गंगा के जल ने घाट की सीढ़ियों को अपने आगोश में ले रखा है और अब वाराणसी में गंगा खतरे के निशान से मात्र तीन मीटर दूर है। किनारे पर खतरे को देखते हुए एनडीआरएफ की पेट्रोलिंग जारी है।


घाट का आकर्षण फीका पड़ा, शांत पड़ी नाव


डूबे हुए घाट जलमग्न मंदिर और किनारे पर खड़ी नावें कुछ ऐसा नजारा है इन दिनों काशी नगरी का जहां इन दिनों गंगा अपने उफान पर हैं। कभी जिन घाटों का आकर्षण सबको मोहित करता था वहां आज पानी ही पानी है।



कभी जो नावें गंगा में अटखेलियां करती थी वो नावें आज शांत खड़ी हैं, लिहाजा परेशानियों के साथ घाट किनारे आने वाले पर्यटक निराश नजर आ रहे हैं। अब नाविकों के सामने जीविका का संकट खड़ा हो गया है।


हरिश्चंद्र घाट पर गलियों में हो रहा शवदाह


आपको बता दें कि वाराणसी में गंगा का जल अब घाट के ऊपर तक आ चुका है। अस्सी घाट का सुबह ए बनारस का मंच जल में विलीन है, वहीं यज्ञशाला भी जल में समाहित हो चुकी है। हरिश्चंद्र घाट पर तो गलियों में शवदाह करना पड़ रहा है। लिहाजा परेशानियां चरम पर हैं। गंगा के बढ़े जल में आम आदमी की सुरक्षा के लिए एनडीआरएफ लगातार पेट्रोलिंग कर रही है।



गंगा में बढ़ता उफनता जल किसी के लिए परेशानी का सबब है तो कहीं रोजी रोटी के संकट का कारण । जरूरत है तो उस सरकारी प्रयास की जो इस वक्त दो जून की रोटी का सहारा बन सके।