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उत्तराखंड में बारिश के चलते रेड अलर्ट जारी, 7 जिलों में भारी बरसात की चेतावनी

उत्तराखंड में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि 9 से 12 जुलाई तक उत्तराखंड के नैनीताल, पिथौरागढ़, चंपावत, चमोली, पौड़ी, टिहरी और देहरादून में भारी बारिश के आसार हैं।

देहरादून, एबीपी गंगा। मानसून की बारिश उत्तराखंड के सात जिलों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। भारी बारिश की चेतावनी के चलते मौसम विभाग ने जिला प्रशासन को हाई अलर्ट पर रहने के लिए कहा है। इस बीच आपदा प्रबंधन केंद्र ने यात्रियों को उच्च हिमालयी क्षेत्रों में जाने से बचने की सलाह दी है। मौसम विभाग ने प्रदेश में बारिश का रेड अलर्ट जारी कर दिया है।

इन 7 जिलों में भारी बारिश के आसार

मौसम विभाग की मानें तो 9 से 12 जुलाई तक उत्तराखंड के नैनीताल, पिथौरागढ़, चंपावत, चमोली, पौड़ी, टिहरी और देहरादून में भारी बारिश के आसार हैं। जिसके चलते जिला प्रशासन को एतिहात बरतने के लिए कहा गया है। वहीं, बागेश्वरऔर उधम सिंह नगर में मूसलाधार बारिश होने के आसार हैं।

नदियां उफान पर, सड़कें पानी में डूबीं

बता दें कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार समेत कई प्रदेशों में भारी बारिश का कहर देखने को मिल रहा है। जहां नदियां उफान पर हैं और सड़कें पानी में डूब गई हैं। इसी के चलते उत्तराखंड में ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया गया है। मौसम विभाग की चेताननी के बाद आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिलों के लिए गाइडलाइन्स जारी कर दी हैं, ताकि स्थानीय लोगों व यात्रियों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े। मौसम विभाग का कहना है कि उत्तराखंड के टिहरी, नैनीताल, चंपावत, हरिद्वार और उधमसिंह नगर में सबसे ज्यादा बारिश होने की संभावना है। इस बीच देहरादून में लगातार हो रही बारिश ने लोगों का जीना मुश्किल कर रखा है।

सरकार का कहना, मानसून से निपटने के लिए तैयार

समूचे उत्तराखंड में मानसून पूरी तरह से सक्रीय हो चुका है और आने वाले दिनों में उत्तराखंड में भारी बारिश बताई जा रही है। विशेष रूप से पहाड़ी इलाको में भारी बारिश की आशंका है। मौसम विभाग की मानें, तो आने वाले कुछ दिन उत्तराखंड के लिए भारी साबित हो सकते हैं, ऐसे में मौसम विभाग ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह भी दी है। बता दें कि चारधाम यात्रा आजकल अपने चरम पर है, खासकर बद्रीनाथ और केदारनाथ में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। ऐसे में ये मौसम यात्रा मार्ग में परेशानियां खड़ी कर सकता है, हालांकि सरकार और प्रशासन का कहना है कि वे अपनी तरफ से मानसून से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

इस बार देरी से उत्तराखंड पहुंचा मानसून

मानसून अब उत्तराखंड में दस्तक दे चुका है, इससे पहले देश के कई हिस्सों में मानसून तबाही मचा चुका है, ऐसे में उत्तराखंड जैसे आपदा प्रदेश को इससे सतर्क रहने की सबसे ज्यादा जरूरत है। अमूमन मानसून जून के आखिरी सप्ताह तक उत्तराखंड में अपनी दस्तक देता था, पर इस बार यह काफी देरी से यहां पहुंचा है। ऐसे में इसके और तीव्र होने की आशंका पहले से जताई जा रही थी। जिसकी पुष्टि मौसम विभाग के एक हफ्ते भारी बारिश की चेतावनी से लग गई है। हालांकि, खेती के लिहाज से ये मानसून सुखद हो सकता है, पर अत्यधिक मात्रा में बारिश होने से उसी खेती के लिए ये काल भी साबित हो जाता है।

दो दिन कुमाऊं के लिए हो सकते हैं भारी 

वहीं चार धाम यात्रा मार्ग से लगे इलाको में भी अच्छी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग की मानें तो एक दो दिन कुमाऊं के लिए भारी हो सकते हैं। उसके बाद गढ़वाल रीजन में मानसून के ज्यादा बरसने की संभावना है। बेबी हिल्स के नाम से मशहूर उत्तराखंड में यात्रियों और स्थानीय लोगों की सुरक्षा की दृष्टि से मौसम विभाग का कहना है कि जो लोग वाहनों से सफर करते हैं, वो कच्चे रास्तों का इस्तेमाल करने से बचें। मानसून सीजन में सबसे बड़ा खतरा बादल फटने या कहे कि अतिवृष्टि से होता है। ऐसी संभावना सबसे ज्यादा जिन जगहों में है, उनमें पहला स्थान राजधानी देहरादून का आता है। वहीं, नैनीताल और पिथौरागढ़ में भी ऐसी ज्यादातर ऐसी घटनाएं देखने को मिलती हैं।

मुख्यमंत्री ने सभी को सतर्क रहने को कहा

मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लोगों को सतर्क और सुरक्षित रहने की सलाह दी है। साथ ही, मौसम विभाग की जानकारी को ध्यान में रखकर ही सफर करने की सलाह दी है। वहीं, देहरादून नगर निगम के मेयर सुनील उनियाल गामा ने भी मानसून के दृष्टिगत एक बैठक ली। जिसमें सभी अधिकारी शामिल रहे। देहरादून में बारिश के आते ही सड़के- नाले पानी से भर जाते हैं। ट्रैफिक और जाम की समस्या आम हो जाती है। इसके लिए नगर प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। मानसून सीजन के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है।

मानसून पूरा सक्रीय है, ऐसे में आपदा प्रबंधन विभाग भी पूरी तरह से चौकन्ना नजर आ रहा है। आपदा निरीक्षक का कहना है कि उत्तराखंड काफी संवेदनशील प्रदेश है, ऐसे में सभी विभागों को पूरी तरह से अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है। पूरे प्रदेश में अधिकतर हिस्सों में खूब बादल बरस रहे हैं, आपदा के लिहाज से संवेदनशील माने जाने वाले उत्तराखंड के लिए ये मानसून की बारिश किसी आफ़त से कम नही, ऐसे में सभी को बरसाती सीजन को देखते हुए एहतियात बरतने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की आवश्यकता है।

क्या होता है मौसम का ऑरेंज अलर्ट?

  1. बता दें कि मौसम को लेकर चार तरह का अलर्ट जारी किया जाता है- ग्रीन, येलो, ऑरेंज और रेड।
  2. ग्रीन अलर्ट का मतलब होता है, एक दो जगहों पर बारिश, जिसके लिए कोई एक्शन नहीं लिया जाता है। यानी ये चिंता की बात नहीं है।
  3. जब कई जगहों पर भारी बारिश की संभावना होती है, तो येलो अलर्ट जारी किया जाता है। 64.5 से 115.5 एमएम तक बारिश के चलते ये अलर्ट जारी होता है।
  4. जब 115.6 से 204.4 एमएम बारिश होने की संभावना होती है, तब ऑरेंज अलर्ट जारी करते हैं। इस दौरान बहुत भारी मात्रा में बारिश होने के आसार होते हैं।
  5. एक्टिवली हैवी रेनफॉल की स्थिति में रेड अलर्ट जारी किया जाता है। आमतौर पर इसे 204.4 एमएम से अधिक बारिश होने की संभावना के चलते जारी करते हैं। इस दौरान बादल फटने, नदियों के उफान पर आने, भूस्खलन, पेड़ गिरने, बाढ़ जैसी समस्याएं आ सकती हैं। जिससे सचेत रहने के लिए रेड अलर्ट जारी करते हैं।
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