UP News: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष जंयत चौधरी पूरे दमखम से जुटे हुए हैं. हाल ही में दिल्ली में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद द्वारा किए गए धरना प्रदर्शन में उन्होंने जाट-दलित- मुस्लिम गठजोड़ के संकेत भी दिए हैं. अब देखना ये है कि पश्चिमी यूपी की सीटों पर जयंत और चंद्रशेखर की जोड़ी बीजेपी के लिए कितनी मुश्किल खड़ी करेगी और क्या दोनों की जोड़ी इस चुनाव में क्या गुल खिलाएगी.
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर पर देवबंद में हुए हमले के विरोध में दिल्ली के जंतर-मंतर पर रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी समेत कई दिग्गज नेता जुटे थे. इस दौरान जंयत चौधरी ने कहा था कि चंद्रशेखर जल्द ही संसद के अंदर नजर आएंगे. उनके इस बयान से सत्ताधारी पार्टी बीजेपी की नजर फिर से पश्चिमी यूपी पर टिक गई है. क्योंकि जहां जयंत का जाटलैंट में खासा प्रभाव माना जाता है तो वहीं दलितों में भी चंद्रशेखर की अच्छी पकड़ बनी हुई है.
पश्चिमी यूपी में जाट-दलित- मुस्लिम गठजोड़ के संकेत
अब लोकसभा चुनाव में केन्द्रीय मंत्री संजीव बालियान और बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष मोहित बेनीवाल की साख दांव पर है. क्योंकि यह नेता मुजफ्फरनगर और शामली से आते हैं और इन सीटों पर इस बार जाट-दलित- मुस्लिम गठजोड़ के संकेत सपा गठबंधन की तरफ संकेत दे रहे हैं. क्योंकि सहारनपुर समेत वेस्ट यूपी में दलित समाज का भी काफी वोट प्रभाव रहा है और इसके लिए भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर वोट साधने में जुटे हुए हैं.
खतौली उपचुनाव में रालोद ने दिखाई थी ताकत
हाल ही में खतौली में हुए उपचुनाव में सभी को चौंकाने वाले परिणाम नजर आए थे क्योंकि जयंत की रालोद ने सपा और आजाद समाज पार्टी (आसपा) के साथ इस सीट पर जीत दर्ज की थी. बीजेपी की सिटिंग सीट को रालोद ने बीजेपी के दिग्गज नेताओं के डेरा डालने के बाद भी छीन लिया था.
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