2014 से बीजेपी का गढ़ है पश्चिमी यूपी, किसान पंचायत के जरिए अपना आधार मजबूत करने में जुटी कांग्रेस
प्रियंका गांधी वाड्रा शनिवार को बघरा में और 23 फरवरी को मथुरा में एक किसान पंचायत को संबोधित करने वाली हैं. गुजरात से हार्दिक पटेल और पंजाब से नवजोत सिंह सिद्धू सहित कई राज्यों के नेताओं को भी मैदान में उतारने की तैयारी है.
लखनऊ: कांग्रेस पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपना आधार मजबूत करने की कोशिशों में जुट गई है, जो 2014 से बीजेपी का गढ़ बना हुआ है. कांग्रेस अब किसान पंचायत आयोजित करके क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करना चाह रही है. इसी दिशा में कदम आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा शनिवार को बघरा में और 23 फरवरी को मथुरा में एक किसान पंचायत को संबोधित करने वाली हैं.
कांग्रेस ने राज्य के 27 जिलों को तीन क्षेत्रों में विभाजित किया है. अजय लल्लू, आराधना मिश्रा मोना और दीपक सिंह को क्रमश इन जिलों में लोगों का समर्थन हासिल करने का दायित्व सौंपा गया है. गुजरात से हार्दिक पटेल और पंजाब से नवजोत सिंह सिद्धू सहित कई राज्यों के नेताओं को मैदान में उतारने की तैयारी है. किसानों की दुर्दशा को उजागर करने के लिए कांग्रेस ने ब्लॉक स्तरीय बैठकें शुरू कर दी हैं और इसी कड़ी में प्रियंका गांधी ने 15 फरवरी को बिजनौर में एक किसान पंचायत को संबोधित किया है.
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा, "प्रियंका जी ही नहीं, बल्कि सभी नेताओं को किसानों के मुद्दों को उजागर करने का काम सौंपा गया है और हम किसानों के साथ तब तक खड़े रहेंगे जब तक कि कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता." प्रियंका गांधी भी अब अपने सभी भाषणों में किसानों के मुद्दे को बड़े जोर-शोर से उठा रही हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने किसानों के प्रति अपना समर्थन दोहराया और केंद्र सरकार की यह कहते हुए आलोचना की कि जो लोग गन्ने की लागत का भुगतान नहीं कर सकते, वे मानव जीवन की लागत को समझ नहीं पाएंगे.
कांग्रेस सत्ता में आई तो कृषि कानूनों को निरस्त कर देंगे- प्रियंका
चांदपुर में एक किसान पंचायत को संबोधित करते हुए, प्रियंका ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने लिए दो विमान खरीदने में 16,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. उन्होंने कहा, "इस पैसे से किसानों के पूरे गन्ने का भुगतान किया जा सकता था. प्रधानमंत्री के पास यात्रा करने के लिए पैसे हैं, लेकिन किसानों के लिए नहीं. ये कृषि कानून पूंजीपतियों को उनके खजाने भरने में सक्षम बनाएंगे, लेकिन किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलेगा." उन्होंने आगे कहा था, "मैं यहां भाषण देने नहीं आई हूं. मैं यहां आपसे बात करने के लिए आई हूं. आपने नरेंद्र मोदी पर दो बार विश्वास किया है, क्योंकि आपने सोचा था कि वह अपनी नीतियों के जरिए समृद्धि लाएंगे. लेकिन क्या ऐसा हुआ है?" आपका विश्वास चकनाचूर हो गया है, क्योंकि प्रधानमंत्री के पास आपके लिए पैसा नहीं है."
सहारनपुर जिले के चिलखाना में एक किसान पंचायत को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "जब कांग्रेस दोबारा सत्ता में आएगी, तो हम तुरंत इन कृषि कानूनों को निरस्त कर देंगे. हम सभी किसानों के लिए एमएसपी भी सुनिश्चित करेंगे."
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