नई दिल्ली, एबीपी गंगा। घूमने फिरने का शौक भला किसे नहीं होगा। देश में कई ऐसे स्थान हैं जहां पर्यटन की बेहतर संभावनाएं हैं लेकिन उन पर ध्यान नहीं दिया गया है। पर्यटन के लिहाज से पश्चिमी उत्तर प्रदेश काफी समृद्ध है लेकिन अब तक सरकारों की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। कई बार क्रांतिधरा ही नहीं बल्कि महाभारत सर्किट को विकसित करने की मांग उठी लेकिन नतीजा सिफर ही रहा।
हालांकि, अब पर्यटन विभाग का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पर्यटन संवर्धन योजना के तहत प्रत्येक विधानसभा में एक-एक पर्यटन स्थल को विकसित करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए विभाग ने सभी विधायकों से ऐसे स्थलों की सूची मांग ली है, जिसका प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जाएगा। तो चलिए हम आपको ऐसे ही स्थलों के बारे में बताते हैं जो ऐतिहासिक रूप से खूब समृद्ध हैं।
शहीद स्मारक
1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए 85 सैनिक व आजादी की लड़ाई के शहीदों की स्मृति में बना शहीद स्तंभ 110 फीट ऊंचा है। जिस पर अशोक चक्र और शेर बने हैं। यहां पर संग्रहालय भी खुला है। इसमें क्रांति से जुड़े चित्र और किताबें मिलती हैं।
हस्तिनापुर
हस्तिनापुर का वर्णन ग्रंथों व पुराणों में भी मिलता है। यह भारत का प्रमुख जैन तीर्थ क्षेत्र है। जंबूद्वीप प्राचीन दिगंबर जैन मंदिर, कैलाश पर्वत, पांडेश्वर मंदिर, द्रोपदेश्वर महादेव मंदिर, पंच प्यारे भाई धर्मसिंह की जन्मस्थली, कर्ण मंदिर, विदुर टीला, दुर्गा मंदिर, रघुनाथराव महल, नेहरू पार्क, आनंद बौद्ध विहार के साथ वन जीव अभ्यारण्य क्षेत्र है।
मंदोदरी का मंदिर
मेरठ के सदर क्षेत्र स्थित बिल्वेश्वरनाथ मंदिर में रावण की पत्नी मंदोदरी पूजा करने आती थी। माना जाता है कि यहां चालीस दिन नियमित पूजा अर्चना करने से हर मनोकामना पूरी होती है।
सूरजकुंड पार्क
महाभारत कालीन कर्ण ने सूरजकुंड में अपने कवच कुंडल दान किए थे। जवाहर सिंह द्वारा 1700 ई में पुत्र प्राप्ति की खुशी में सूरजकुंड पार्क का निर्माण कराया था। यह स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का केंद्र रहा है। निकट ही कारागार होती थी। कुंड के चारों तरफ मंदिर आज भी हैं।
इन स्थानों के अलावा शाहपीर का मकबरा, विक्टोरिया पार्क, सेंट जॉन चर्च एवं सिमेटरी, सरधना चर्च, गगोल तीर्थ स्थल, भोला की झाल, सरधना में वेसालिका चर्च और बेगम समरू का महल, बरनवा में लाक्षागृह जाते समय सरधना में महाभारत कालीन महादेव मंदिर, परीक्षितगढ़ में गांधारी तालाब आदि ऐसे स्थान हैं जिनकों पर्यटन के लिहाज से विकसित किया जा सकता है।