भारतीय कुश्ती महासंघ (Wrestling Federation of India) के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि 25 में से 22 राज्य इकाईयों ने रविवार को उनकी तरफ से बुलाई गयी एक बैठक में हिस्सा लिया. उन्होंने आगे कहा कि 12 अगस्त को महासंघ चुनावों के लिए विभिन्न पदों पर उनके उम्मीदवारों की घोषणा 31 जुलाई को की जायेगी. नामांकन भरने की अंतिम तारीख सोमवार तक है. बीजेपी सांसद बृजभूषण ने दिल्ली के पांच सितारा होटल में बैठक बुलायी. उन्होंने कहा, ‘‘डब्ल्यूएफआई से जुड़े 25 राज्य इकाईयों में से 22 ने बैठक में हिस्सा लिया. हमारे उम्मीदवारों की घोषणा सोमवार को की जायेगी.’’


ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक सहित देश के शीर्ष छह पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये थे. वह चुनाव लड़ने के लिये अयोग्य हैं क्योंकि महासंघ प्रमुख के तौर पर उन्होंने 12 साल पूरे कर लिये हैं और राष्ट्रीय खेल संहिता के अंतर्गत एक पद पर इतनी ही अधिकतम अवधि तक काबिज रहने की अनुमति दी जा सकती है. बैठक में हिस्सा लेने वाले एक राज्य इकाई के सदस्य ने गोपनीयता की शर्त पर कहा कि बीजेपी नेता का दामाद (जिन्हें डब्ल्यूएफआई के शीर्ष पद पर बृजभूषण के उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जा रहा है और 12 अगस्त को डब्ल्यूएफआई चुनाव में बिहार के एक प्रतिनिधि) शीर्ष पद के लिये चुनाव नहीं लड़ेगा.


बृजभूषण के उम्मीदवारों को कैसे मिलेगी चुनौती?


राज्य इकाई के सदस्य सचिव ने कहा, ‘‘उसने (विशाल) चुनाव लड़ने के लिए अपनी अक्षमता घोषित कर दी है क्योंकि वह काफी व्यस्त है और अगर उन्हें पद पर चुन भी लिया जाता है तो वह पद के साथ न्याय नहीं कर पायेंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन वह अपना वोट देंगे.’’ बृजभूषण का बेटा करण भी चुनावों के लिये मतदान सूची का हिस्सा नहीं है क्योंकि खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने जंतर मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों को वादा किया था कि बीजेपी नेता का परिवार चुनाव नहीं लड़ेगा. हालांकि बृजभूषण के उम्मीदवारों को प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों से चुनौती मिल सकती है और खबरों के अनुसार प्रतिद्वंद्वी गुट ने भी राष्ट्रीय राजधानी में एक अलग जगह अपनी बैठक की थी.


नामांकन भरने से पहले सोमवार को एक और बैठक


खबरों के अनुसार इस बैठक में असम, ओडिशा और हिमाचल प्रदेश की राज्य इकाईयों ने हिस्सा लिया था लेकिन स्वतंत्र रूप से इसकी पुष्टि नहीं की जा सकी है. असम को हाल में आईओए के तदर्थ पैनल ने मत देने का अधिकार दिया था. प्रतिद्वंद्वी गुट से जो दौड़ में हो सकते हैं, वे रेलवे खेल संवर्धन बोर्ड (आरएसपीबी) सचिव प्रेम चंद लोचाब (गुजरात के प्रतिनिधि) और ओडिशा का चुनाव में प्रतिनिधत्व करने के लिए सूची में शामिल अनीता श्योराण (बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में एक गवाह) हैं. बीजेपी सांसद खेमे के एक और करीबी सूत्र ने कहा, ‘‘ओलंपिक भवन में नामांकन भरने से पहले सोमवार को एक और बैठक होगी जिसकी अध्यक्षता बृजभूषण करेंगे.’’ 


पंजाब संघ के सचिव रणबीर कुंडु ने कहा कि ना तो वह खुद और ना ही उनके अध्यक्ष एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता पहलवान करतार सिंह अहम पदों पर काबिज होना चाहते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘बृजभूषण ने प्रत्येक राज्य इकाई के प्रमुख से अलग अलग बात की ताकि उम्मीदवारों पर सहमति बने. हम सब सर्वसम्मति से उम्मीदवारी के पक्ष में हैं जो खेल को आगे ले जा सके.’’ करतार पहले डब्ल्यूएफआइ के सचिव थे. डब्ल्यूएफआई की दिन प्रतिदिन की गतिविधियों की जिम्मेदारी भारतीय ओलंपिक संघ की गठित तदर्थ समिति पर है जिसकी अगुआई भारतीय वुशु संघ के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह बाजवा कर रहे हैं. 


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