UP News: बृज भूषण शरण सिंह के करीबी सहयोगी संजय सिंह, जिनके WFI अध्यक्ष के रूप में चुनाव ने भारतीय खेलों में एक और तूफान ला दिया है. अब संजय सिंह ने दावा किया है कि वह इसके खिलाफ कानूनी सलाह लेंगे. कुछ दिन पहले खेल मंत्रालय ने उनके पैनल को निलंबित कर दिया था. अब IOA द्वारा एक एडहॉक कमेटी बनाई गई है जो इस कमेटी के जगह पर काम करेगी. इसपर संजय सिंह का बयान आया है.
संजय सिंह ने कहा, 'यह एडहॉक कमेटी बनाई गई है उसको मैं पूरी तरह से अस्वीकार करता हूं. इसके लिए मेरी अनुमति लेना आति आवश्यक है क्योंकि WFI एक ऑटोनॉमस बॉडी है. इसके लिए सरकार से बात करूंगा और अगर वहां बात नहीं बनती है तो कानूनी राय लेकर कोर्ट भी जाऊंगा. मैंने लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव जीता है. मेरी पूरी बॉडी लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव जीती है. 47 मत पड़े थे जिसमें से 40 मुझे मिले हैं और 7 विपक्षी को मिले हैं.'
तीन सदस्यीय एडहॉक कमेटी
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने बुधवार को तीन सदस्यीय एडहॉक कमेटी का गठन किया, जिसे डब्ल्यूएफआई के दिन-प्रतिदिन के संचालन की देखरेख का काम सौंपा गया है. समिति की अध्यक्षता भूपिंदर सिंह बाजवा करेंगे, जो वुशू एसोसिएशन ऑफ इंडिया में अध्यक्ष पद पर हैं. अन्य दो सदस्यों में हॉकी के ओलंपियन एमएम सोमाया और पूर्व अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी मंजूषा कंवर शामिल हैं.
खेल मंत्रालय ने 24 दिसंबर को अंडर 15 और अंडर 20 नेशन्लस को आयोजित करने की घोषणा पर चुनाव के तीन दिन बाद सिंह के नेतृत्व वाली नई डब्ल्यूएफआई संस्था को निलंबित कर दिया. आईओए को डब्ल्यूएफआई के संचालन की देखरेख के लिए एक अस्थायी पैनल स्थापित करने के लिए कहा है. केंद्रीय खेल मंत्रालय ने पैनल को निलंबित करते हुए इस फैसले को ''जल्दबाजी'' करार दिया और कहा कि यह फैसला डब्ल्यूएफआई के संविधान के प्रावधानों का पालन किए बिना लिया गया था.