सुनिए नेताजी... झांसी की जनता की क्या हैं अपेक्षाएं और सवाल
बुंदेलखंड क्षेत्र के इस हिस्से में अलग राज्य और भ्रष्टाचार मुक्त शासन जैसी कई मांगें हैं।
झांसी, एबीपी गंगा। यूपी में बाकी हिस्सों की तरह यहां भी अलग राज्य की मांग उठती रही है। बुंदेलखंड क्षेत्र के इस हिस्से में अलग राज्य और भ्रष्टाचार मुक्त शासन जैसी कई मांगें हैं। जिले के लोग सीधे सपाट और राजनेताओं के वादों पर भरोसा करने वाले लोग हैं, लेकिन यहां की जनता का कहना है कि राजनेताओं की फितरत हमेशा उन्हें धोखा देने वाली साबित हुई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बीते लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी उमा भारती ने जनता के साथ केंद्र की सरकार बनने पर तीन साल के भीतर अलग बुंदेलखंड राज्य बनवाने का वादा किया था, लेकिन पांच साल बीतने के बाद भी उनका वादा पूरा नहीं हुआ। लोगों का कहना है कि सभी दलों के नेताओं ने गरीबी, बेरोजगारी और पलायन जैसे मुद्दों पर खूब राजनीतिक रोटियां सेंकी, लेकिन किसी ने भी मुद्दों का हल नहीं निकाला।
राहुल ने दी थी गरीबी मुद्दे को हवा मौजूदा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यूपीए सरकार के समय साल 2008-09 में यहां का दौरा भी किया था। उन्होंने गरीबों की झोपड़ियों में खाना खाया और रात भी बिताई थी। राहुल गांधी के दौरे से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को फायदा हुआ और प्रदीप जैन चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। गरीबों की हालत सुधारने के लिए यहां मनरेगा योजना भी लाई गई।
गरीबी के लिए बुंदेलखंड पैकेज यूपीए-2 ने अपने कार्यकाल के दौरान बुंदेलखंड के हालात बदलने के लिए 7266 करोड़ का पैकेज दिया था। यूपी और एमपी के 13 जिलों के स्वीकार किए गए इस पैकेज के अंतर्गत कई कार्य कराए गए। स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए हजारों कुएं और तालाब खोदे गए, बकरी पालन, कुक्कुट पालन, पत्तल दोना बनाना जैसी तमाम योजनाएं लागू की गई। मगर, हालात जस के तस रहे। आज भी पानी की समस्या ने विकराल रूप धारण किया हुआ है।