UP News: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की बीते दिनों मुंबई के एक पॉश इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उनकी हत्या के पीछे लॉरेंस विश्नोई गैंग का हाथ सामने आया है. लॉरेंस विश्नोई गैंग का नाम सामने आते ही जेल सिक्योरिटी को लेकर सवाल उठने लगे हैं. 


आइये जानते हैं कि कैसे जेलों के अंदर से गैंगस्टर बड़ी वारदात को अंजाम देने में कामयाब रहते हैं. जेल में यूं तो आम बैरक और हाई सिक्योरिटी सेल होती है, लेकिन हमेशा ही हाई सिक्योरिटी सेल की चर्चा ज्यादा रहती है. इसकी वजह यह है कि हाई सिक्योरिटी सेल में गैंगस्टर, माफिया डॉन, खतरनाक गैंगस्टर या आतंकवादी कैद होते हैं. 


दो तरह की होती है बैरक
जेल मैन्युअल के हिसाब से जो बड़े गैंगस्टर हैं, अगर उनसे किसी की जान को खतरा है या उनकी जान को किसी से खतरा है, तो ऐसे में उनको हाई सिक्योरिटी सेल में रखा जाता है. इस हाई सिक्योरिटी सेल में न किसी को आने की इजाजत होती है और न ही किसी को जाने की.


खतरनाक गैंगस्टर का खाना, नहाना, शौचालय, धूप में बैठने के लिए खुला स्थान हाई सिक्योरिटी सेल में होता है. एक तरह से इस सेल में बंद कैदियों की जिंदगी अन्य मुल्जिमों से अलग ही बीतती है. इसके साथ हाई सिक्योरिटी सेल के बाहर सुरक्षा का भी चक्रव्यूह रहता है और पैनी नजर रखी जाती है.


मुलाकात के हैं सख्त नियम
जेल में बंद बंदियों की मुलाकात के लिए दो मौके होते हैं. पहला त्यौहार या अन्य मौके पर आम बंदी अपने परिवार के लोगों के साथ मुलाकात कर सकते हैं, लेकिन हाई सिक्योरिटी सेल में बंद गैंगस्टर, डॉन या अन्य हार्ड कोर क्रिमनल अगर अपने परिवार से मुलाकात करना चाहते हैं तो इसके लिए कड़ा नियम है.


उन्हें मुलाकात से पहले कई सुरक्षा घेरों से गुजरना पड़ता है. उसके बाद एक अन्य जगह पर जहां लोहे की जाली लगी होती है, वहां से परिवार के लोगों से मुलाकात कराई जाती है. मुलाकात का वक्त भी कुछ ही समय का होता है. जबकि आम बंदी या कैदी अपने परिवार से त्यौहार के मौके पर आसानी से आमने-सामने बैठकर मुलाकात कर लेते हैं.


वीसी से होती है पेशी 
अब ज्यादातर मामलों में बड़े गैंगस्टर, डॉन, माफिया या हार्ड कोर क्रिमिनल की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होती है. किसी बड़े मामले में या फिर कहें कि बहुत जरूरी होने पर इन्हें वीसी के बजाय सीधे कोर्ट में पेश किया जाता है. 


हार्ड कोर क्रिमिनल या बड़े गैंगस्टर जब भी कोर्ट में तारीख पर जाते हैं तो उन्हें अलग वाहन से ले जाया जाता है. जेल से सख्त सुरक्षा पहरे में उसे कचहरी ले जाया जाता है. कचहरी परिसर में भी लोकल पुलिस सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम करती है. 


बैरक में कितने कैदी होते हैं बंद?
जिस जिले में जेल हैं वहां अमूमन आम कैदियों को एक साथ रखा जाता है. जहां जगह छोटी है वहां पर 60 बंदी एक साथ रखा जाता है, जहां जगह बड़ी है वहां एक बैरक में 100 कैदी तक हो सकते हैं. उनका एक साथ रहना और खाना पीना होता है. 


जेल में होने वाले कार्यक्रमों से भी हार्ड कोर क्रिमिनल को अलग रखा जाता है, वह न तो किसी से बात कर सकते हैं और न ही किसी से मुलाकात कर सकते हैं.


RG क्रैश मैसेज से मांगी जाती है सुरक्षा
हाई सिक्योरिटी बैरक में बंद हार्ड कोर या खतरनाक क्रिमिनल को अगर एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश या एक जिले से दूसरे जिले में तारीख पर भेजा जाता है, तो फिर आरजी क्रैश मैसेज भेजा जाता है. यानी जिस जगह गैंगस्टर बंद है वहां के जिले की पुलिस दूसरे जिले या फिर जिन जिलों से होकर गुजरती है, उन जिलों के पुलिस अधिकारियों को मेल किया जाता है.


मुल्जिम की एंट्री दूसरे जिले में होती है तो बॉर्डर पर पहले से ही एस्कॉर्ट तैनात किया जाता है. वे मुल्जिम को लेकर लोकल हवालात पहुंचाते हैं. इस दौरान सुरक्षा डबल रहती है और फिर उसे कोर्ट में पेश किया जाता है. जितने भी जिलों या प्रदेशों से गैंगस्टर गुजरता है, वहां एस्कोर्ट उसे आगे तक कवर देतें है और फिर वापसी में भी ऐसे ही इंतजाम होते हैं.


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