नई दिल्ली, पं.शशिशेखर त्रिपाठी। क्या होती है काल पुरुष की कुंडली। इसका किस राशि पर कैसा प्रभाव पड़ता है। इसके बारे में जानकारी दी है पंडित शशिशेखर त्रिपाठी ने।
क्या होती है काल पुरुष की कुंडली
राशि का प्रभाव कितना पड़ता है। क्या राशिफल और पर्सनल कुंडली को ओवर रूल कर जाती है। इसके लिए सबसे ज्योतिष में जो नैसर्गिक कुंडली यानी जहां से राशि और भाव की गिनती या कैल्कुलेशन की जाती है, उसे काल पुरुष की कुंडली कहते हैं।
काल पुरुष की कुंडली
मेष राशि
- प्रथम भाव में पड़ती है, पहले भाव का संबंध शरीर से होता है
- वृष राशि दूसरे भाव में पड़ती है, दूसरे भाव का संबंध कोष से होता है
- मिथुन राशि तीसरे भाव में पड़ती है
- कर्क राशि चौथे भाव में पड़ती है
- सिंह राशि पंचंम भाव में पड़ती है
- कन्या राशि छठे भाव में पड़ती है
- तुला राशि सप्तम भाव में पड़ती है
- वृश्चिक राशि अष्टम भाव में पड़ती है
- धनु राशि नवम भाव में पड़ती है
- मकर राशि दसवें भाव में पड़ती है
- कुंभ राशि ग्यारहवें भाव में पड़ती है
- मीन राशि बाहरवें भाव में पड़ती है
शरीर पंचतत्वों से मिलकर बना होता है. राशियां में भी अलग अलग तत्व होते हैं।
- अग्नि तत्व - मेष, सिंह और धनु राशि
- पृथ्वी तत्व - वृष, कन्या और मकर
- वायु तत्व - मिथुन, तुला और कुम्भ
- जल तत्व- कर्क, वृश्चिक और मीन