Zika Virus: खतरनाक जीका वायरस की चपेट में कानपुर, जानें इसके लक्षण और बचाव
उत्तर प्रदेश में अब कुल जीका वायरस के 79 नए मामले सामने आ चुके हैं. इस तेजी से तबाही मचा रहे वायरस ने पूरे यूपी का हाल बेहाल कर रखा है.
कानपुर समेत पूरे उत्तर प्रदेश में जीका वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. कानपुर में 13 नए मामलों के बाद कन्नौज में भी जीका के एक मामले की पुष्टि हुई है. उत्तर प्रदेश में अब कुल जीका वायरस के 89 नए मामले सामने आ चुके हैं. इस तेजी से तबाही मचा रहे वायरस ने पूरे यूपी का हाल बेहाल कर रखा है. सरकार द्वारा इसे रोकने का हर प्रयास किया जा रहा है पर अभी भी इसके नए मामले निकलकर सामने आ रहे है. आज हम आपको जीका वायरस के बारें में बताएंगे कि आखिर यह है क्या, इसके लक्षण क्या हैं और इससे कैसे बचा जा सके.
क्या है जीका वायरस
जीका वायरस से फैलने वाली बीमारी का प्रसार एडीज मच्छर द्वारा होता है. यह मच्छर की वहीं प्रजाति है जिससे डेंगू और चिकनगुनिया जैसे खतरनाक वायरस का प्रसार होता है. जीका वायरस की पहचान सबसे पहले साल 1947 में युगांडा के बंदरों में हुआ था. वहीं इंसानों में इस वायरस के बारे में साल 1952 में पता चला था.
जीका वायरस के लक्षण
जीका वायरस से संक्रमित कुछ लोगों में कोई लक्षण नहीं होते हैं. आमतौर पर लक्षण किसी व्यक्ति को संक्रमित मच्छर द्वारा काटे जाने के दो से 14 दिनों के बीच होते हैं. ऐसे इसके लक्षण में बुखार, मांसपेशियों या जोड़ों में दर्द, आंखों में लाली, सिरदर्द, थकान, पेट में दर्द आदि हो सकता है. जीका वायरस के संक्रमण से मस्तिषक या तंत्रिका तंत्र की जटिलताएं हो सकती हैं, जैसे गइलेन बैरे सिंड्रोम.
जीका का रोकथाम
जीका वायरस संक्रमण का अभी कोई ईलाज मौजूद नहीं है. अगर इस संक्रमण का शिकार हो जाए तो भरपूर आराम करें ज्यादा से ज्यादा पेय पदार्थ पिए और सामान्य बुखार और दर्द की दवा से इलाज करें पर अगर स्थिति फिर भी नहीं सुधरती है तो डॉक्टर की तुरंत सलाह ले.
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