मोदी-शाह ने याद दिलाया अटल आडवाणी का दौर, जब इतिहास वर्तमान हो गया
नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में शाह को गृह मंत्री बनाया गया है। अब वे सरकार में नंबर दो की हैसियत से हैं। इस जोड़ी ने अटल आडवाणी के युग की तस्वीर भी ताजा कर दी है।
नई दिल्ली, एबीपी गंगा। आम चुनाव में जबरदस्त जीत हासिलकर दोबारा प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी ने इतिहास रच दिया। भारतीय जनता पार्टी की जीत ने सत्ता विरोधी लहर जैसे मिथक को तोड़ दिया। इस विजय ने सभी राजनीतिक पंडितों के विश्लेषण को दरकिनार कर दिया। नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने इतिहास के पन्नों को एक बार खोल दिया है। वाजपेयी और आडवाणी को वो दौर सामने आ गया। जब देश का प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश से और देश का गृह मंत्री गुजरात से था। वक्त ने एक बार फिर वैसी ही स्थिति सामने ला दी है। मोदी-शाह की इस जोड़ी ने इतिहास को फिर वर्तमान बना दिया है।
अटल थे पीएम और आडवाणी गृह मंत्री
भारतीय जनता पार्टी जिन चेहरों की वजह से ऊंचाई पर पहुंची है, उनमें अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी को कभी भुलाया नहीं जा सकता। आज देश में भाजपा सबसे बड़ा राजनीतिक दल है यही नहीं केंद्र के अलावा कई राज्यों में उनकी सरकारें चल रही हैं। बात उस दौर की है जब साल 1998 में उत्तर प्रदेश के लखनऊ से जीतकर आए अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री बने तो आडवाणी देश के गृह मंत्री बने यानी वे सरकार में दूसरे नंबर पर रहे। आडवाणी गुजरात के गांधीनगर से जीतकर आये थे, वह गृहमंत्री बने और बाद में उप प्रधानमंत्री बनाया गया।
यूपी और गुजरात, फिर दोहराया गया इतिहास
2019 में एक बार फिर मोदी सरकार बनी है। तकरीबन दो दशक बाद वक्त का पहिया फिर घूमा है। भाजपा ने अकेले दम पर 300 से अधिक सीटें जीतीं हैं। नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के वाराणसी संसदीय सीट से जीतकर पीएम बने हैं। साथ ही पार्टी के संगठन में अहम भूमिका निभानेवाले अमित शाह भी गुजरात के गांधी नगर से सांसद चुने गये हैं। मोदी ने अपने खास सहयोगी अमित शाह गृह मंत्री बनाकर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। इस जोड़ी ने अटल-आडवाणी की याद दिला दी। अटल पीएम और आडवाणी गृह मंत्री।
गौरतलब है कि इस बार भारतीय जनता पार्टी ने अपने सबसे वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को टिकट नहीं दिया था। 1991 से वह गांधीनगर से सांसद चुनकर आ रहे थे। पार्टी ने इस बार अमित शाह को टिकट दिया और चुनाव लड़कर रिकॉर्ड मतों से जीते।
यही नहीं मोदी-शाह की कैमिस्ट्र बेहतर मानी जाती है। दोनों की रणनीति का लोहा विपक्ष भी मानता है। इससे पहले गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुये अमित शाह राज्य के गृहमंत्री थे।